Exclusive: ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान पर हमले को पूरी तरह तैयार थी भारतीय नौसेना, टारगेट भी हो चुके थे लॉक

भारतीय नौसेना ने अगर पाकिस्तान पर चौतरफा हमला किया होता तो ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य शत्रुता में बहुत बड़ी वृद्धि हुई होती.

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उत्तरी अरब सागर पर भारत का प्रभुत्व INS विक्रांत कैरियर बैटल ग्रूप के इर्द-गिर्द घूमता है
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  • भारतीय नौसेना के पास पाकिस्तान के टारगेट की सूची थी, टीम स्टैंडबाई पर थी लेकिन हमला नहीं किया गया.
  • ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान मिसाइलों के लिए नौसेना हॉट-स्टैंडबाय पर थी.
  • पाकिस्तान के युद्धपोत बंदरगाह पर ही बने रहे, बाहर नहीं निकले.
  • मिग-29K ने पाकिस्तानी नौसेना के विमान को वापस लौटने पर मजबूर किया.
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भारतीय नौसेना के बेड़े (फ्लीट) के पास पाकिस्तान के अंदर के टारगेट की पूरी लिस्ट थी. उन्हें ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान एक से अधिक मौकों पर पाकिस्तान के अंदर टारगेट पर मिसाइलें लॉन्च करने के लिए हॉट-स्टैंडबाय पर रखा गया था. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि नौसेना को मिसाइल लॉन्च का अंतिम आदेश नहीं मिला. सूत्र के अनुसार, "नौसेना ने पहचाने गए टारगेट पर हमला नहीं किया. इसमें बंदरगाह पर लगे पाकिस्तान नौसेना के जहाज, पनडुब्बियों के साथ और जमीनी टारगेट शामिल थीं." नौसेना ने अगर चौतरफा हमला किया होता तो ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य शत्रुता में बहुत बड़ी वृद्धि हुई होती.

नौसेना तैयार थी. आदेश मिलते ही पाकिस्तान के अंदर के ठिकानों- जिसमें कराची बंदरगाह पर लगे पाक नौसेना के जहाज शामिल थे- को ब्रह्मोस मिसाइलों और पनडुब्बी से दागकर जमीन पर हमला करने वाली क्रूज मिसाइलों से निशाना बनाया जाता. पनडुब्बी से चलने वाली ये क्रूज मिसाइल क्लुब/ Klub सीरिज की मानी जाती हैं. ये भारत की रूसी निर्मित 'किलो' श्रेणी की पनडुब्बियों पर लगी हैं. सूत्र ने बताया, "दोनों युद्धपोत और पनडुब्बियां जहाज मार गिराने वाली (एंटी-शिप) और जमीन पर हमला करने वाली मिसाइलें लॉन्च करने की स्थिति में थीं."

भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान, पाकिस्तानी नौसेना की फ्रिगेट और कार्वेट (दोनों युद्धपोत के प्रकार हैं) सहित अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत बंदरगाह के भीतर ही बंद रहे और बाहर नहीं निकलें. एनडीटीवी को पता चला है कि अगर भारतीय नौसेना को हमले का आदेश मिला होता तो इनमें से पाकिस्तान के कई युद्धपोत बंदरगाह पर ही डूब सकते थे.

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ताकत और काबिलियत की बात करें तो भारतीय नौसेना के युद्धपोत पाक नौसेना पर कहीं भारी हैं, लेकिन उसने हमला नहीं किया. एनडीटीवी को पता चला है कि भारतीय नौसेना के हथियारों को पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी ठिकानों और अन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए भूमि ठिकानों (लैंड बेस) से तैनात किया गया था. उसमें किन हथियार-प्रणालियों का इस्तेमाल हुआ, यह खास तौर पर नहीं बताया गया.

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उत्तरी अरब सागर में भारत का दबदबा INS विक्रांत कैरियर बैटल ग्रूप और इसके मिग-29K लड़ाकू-जेट के अभिन्न अंग के इर्द-गिर्द घूमता है. इससे पाकिस्तान के दक्षिणी तट के हवाई क्षेत्र का भारत का प्रभुत्व सुनिश्चित हो गया. सूत्र ने बताया, "कैरियर बैटल ग्रुप की मौजूदगी ने पाकिस्ताने की हवाई संपत्तियों (फाइटर जेट और ड्रोन जैसे) पर भी दबाव बनाए रखा, जबकि समुद्र के उपर पाकिस्तान की वस्तुतः शून्य उपस्थिति रही."

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मिग-29K ने पाकिस्तानी नौसेना के RAS-72 सी ईगल को लौटने पर मजबूर किया

एनडीटीवी को पता चला है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष समाप्त होने के कुछ दिनों बाद INS विक्रांत कैरियर बैटल ग्रूप ने एक अकेले पाकिस्तानी नौसेना के RAS-72 ईगल को ट्रैक किया गया था. RAS-72 सी ईगल टीआर -72 टर्बो-प्रॉप विमान का एक समुद्री गश्ती करने वाला वर्जन है. "जो एक पाक गश्ती विमान बाहर निकला था, उसे प्रभावी ढंग से ट्रैक किया गया और तुरंत मिग-29K ने उसे वापस तट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया." 

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भारतीय नौसेना का मिग-29K INS विक्रांत से लॉन्च किया गया था. वह पाक नौसेना के विमान से कुछ सौ मीटर की दूरी पर खड़ा हो गया, जिससे पाक नौसेना के विमान को वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा.

गौरतलब है कि ऑपरेशन सिन्दूर 6-7 मई के बीच भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हवाई और मिसाइल हमलों की एक श्रृंखला थी, जिसमें कम से कम नौ पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया था. भारत ने यह ऑपरेशन 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में चलाया था. इस आतंकी हमले में 26 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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