नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है. यह नौसेना की आक्रमक रुख का नतीजा रहा कि पाकिस्तानी नौसेना करांची बंदरगाह से बाहर नही निकल पाई. हम पूरी तरह तैयार थे . किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का जवाब देने के लिये नौसेना कॉम्बेट रेडी थी . 4 दिसंबर को होने वाले नौसेना दिवस से ठीक पहले नौसेना प्रमुख का यह बयान काफी मायने रखता है. पाकिस्तान 4 दिसंबर की तारीख को कभी नही भूल पायेगा . इसी दिन 1971 में भारतीय नौसेना ने पाक के खिलाफ ऑपेरशन ट्राइडेंट लांच किया था. नौसेना ने करांची बंदरगाह पर जोरदार हमला किया .चार पाक नौसेना के युद्धपोतों को डूबा दिया गया . करांची के गोला बारूद और ईंधन का डिपो को बरबाद कर दिया गया.नतीजा यह रहा कि पाक घुटने टेकने पर मजबूर हुआ .
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था . हालांकि, इस दौरान नौसेना ने तो पीओके या पाक पर सीधा हमला तो नही किया लेकिन अरब सागर में पाकिस्तान को बांध जरूर दिया. पाकिस्तान की नौसेना की हिम्मत नही हुई कि वह करांची नौसेना बेस से बाहर निकले. नौसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विमानवाहक पोत की तैनाती समेत आक्रामक रुख और तत्काल कार्रवाई ने पाकिस्तानी नौसेना को उसके बंदरगाहों के पास रहने के लिए मजबूर कर दिया.
इतना ही नही नौसेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान पर बुरी तरह वित्तीय संकट से ग्रस्त हो गया था और अब तक इससे उबरा नहीं पाया है. उस दौरान बड़ी संख्या में व्यापारिक जहाजों ने पाकिस्तान की यात्रा करने से परहेज किया है .पाकिस्तान जाने वाले जहाजों के बीमा की लागत भी बढ़ गई है. इससे पाकिस्तान को खासा आर्थिक नुकसान पहुंचा . नौसेना के चीफ ने बताया कि ऑपेरशन सिन्दूर के बाद सात-आठ महीनों में पश्चिमी अरब सागर सहित अन्य स्थानों पर हमने अपने जहाजों और पनडुब्बियों को तत्परता के साथ तैनात रखा है. नौसेना प्रमुख ने जोर देकर यह कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है, लेकिन उन्होंने इस बारे में ज़्यादा जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया .
नौसेना की एक और खबर से पाक की नींद उड़नी तय है. एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि जल्द ही नौसेना में स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी अरिदमन शामिल हो जाएगी. वही नौसेना के लिये 26 रफाल मरीन लड़ाकू विमानों में से 4 विमान 2029 तक मिल जायेंगे.नौसेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाओं में शानदार तालमेल देखा गया है. हमने इससे बहुत कुछ सीखा भी है ताकि भविष्य में किस प्रकार और बेहतर ऑपेरशनों को अंजाम दिया जा सकता है.














