'ऑपरेशन लोटस' पुदुचेरी भी पहुंच गया : राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री ने NDTV से कहा

मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि दो नेताओं को मनाने को लेकर वो आश्वस्त थे. एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हमारी सरकार अल्पमत में नहीं है."

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पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी
नई दिल्ली:

पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव (Puducherry Assembly Election) से कुछ महीने पहले कांग्रेस के चार विधायकों के इस्तीफे के बाद वहां की कांग्रेस (Congress) नेतृत्व वाली सरकार अल्पमत में पहुंच गई है. दो विधायकों ने पिछले दो दिनों में ही इस्तीफा दिया है. लेकिन मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि दो नेताओं को मनाने को लेकर वो आश्वस्त थे. एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हमारी सरकार अल्पमत में नहीं है."

वी. नारायणसामी ने बताया कि मल्लादि कृष्ण राव और जॉन कुमार ने एक के बाद एक इस्तीफा दिया, हालांकि अभी स्पीकर के द्वारा इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया है. बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने पुडुचेरी में एक और 'ऑपरेशन कमल' की तैयारी करने का आरोप लगाया है. चार कांग्रेस 

पुदुचेरी में विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले ही कांग्रेस के चार विधायकों ने पार्टी को छोड़ा है. इनमें से ए. नमासिव्यम और ई. थीपप्पंजन ने 25 जनवरी को इस्तीफा दिया था. सोमवार को मल्लादि कृष्ण राव ने और अगले ही दिन जॉन कुमार अपने पद से इस्तीफा दिया. 30 निर्वाचित सदस्यों में से कांग्रेस के 15 विधायक थे. डीएमके के दो और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन के साथ कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा पार किया था.

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विधायकों के इस्तीफे के बाद सीएम वी नारायणसामी की सरकार अल्पमत में पहुंच गई. कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार के 14 और विपक्ष के भी 14 विधायक रह गए हैं. कांग्रेस के पास अब 10 विधायक हैं. 

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ठीक चार दिन पहले, मल्लादि कृष्ण राव ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मिलने के लिए मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के साथ दिल्ली की यात्रा की थी और अनुरोध किया था कि किरण बेदी को पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में प्रतिस्थापित किया जाए.

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पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा, "हम राष्ट्रपति से मिले क्योंकि किरण बेदी द्वारा मल्लादि कृष्ण राव को कई बार परेशान किया गया था और कई बार उन्हें निशाना बनाया है. उन्होंने (किरण बेदी) अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित जो भी प्रस्ताव पेश किया, उसे खारिज कर दिया गया. मैं उनके लिए कम से कम चार साल से लड़ रहा हूं. किरण बेदी हमारी सरकार के दिन-प्रतिदिन के प्रशासन में दखल देने के साथ-साथ समस्याएं पैदा करने की कोशिश करती रही हैं, पुडुचेरी के लोग यह जानते हैं. विपक्षी दल भी हमें निशाना बना रहे थे. मेरे लिए इस सरकार को चार साल और नौ महीने चलाना बेहद मुश्किल काम था. लेकिन इसके बावजूद हमारी सरकार ने लोगों को सेवाएं दीं.''

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वी नारायणसामी का दावा है कि मल्लादि कृष्ण राव ने परेशान होकर इस्तीफा दिया क्योंकि किरण बेदी उनके सभी प्रोजेक्ट में बाधा डाल रही थीं. वह अब भी मेरे साथ हैं. मुझे भरोसा है कि मैं उन्हें मना सकता हूं.

लेकिन माना जा रहा है कि बाकियों की तरह वो भी कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी के साथ जाने को सोच रहे हैं, और यह भी माना जा रहा है कि और भी नेता इसी कतार में हैं.

मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा, ''बीजेपी का काम करने का तरीका ही ये है कि विधायकों को पैसा देकर अपने साथ शामिल करना. इसी तरीके से बीजेपी ने मणिपुर, अरुणाचल, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश में भी किया, वे सिर्फ विधायकों को खरीद रहे हैं. निर्वाचित कांग्रेस सरकारों को निशाना बनाने के लिए बीजेपी को शर्म आनी चाहिए.''

साल 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी कुल 30 सीटों में 18 सीट के लिए खड़ी हुई, और वह सभी सीट गंवा बैठी. 

इस बार, पार्टी ने पुदुचेरी चुनाव के प्रबंधन के लिए दो वरिष्ठ नेता अर्जुन मेघवाल और राजीव चंद्रशेखर को कार्य सौंपा है. बीजेपी का मानना है कि इस बार राज्य में अच्छा परिणाम आ सकता है.

वी नारायणसामी ने भाजपा के किसी भी खतरे को खारिज करते हुए कहा है कि पहले पुदुचेरी के मतदाता अलग तरह के थे. उन्होंने कहा, ''पुडुचेरी के लोग सेकुलर पार्टी के साथ जाना चाहते हैं. वे किसी भी तरीके के सांप्रदायिक तत्व का समर्थन नहीं करेंगे. जिन लोगों ने पुडुचेरी में बीजेपी ज्वाइन किया, उनका पॉलिटिकल कैरियर बर्बाद हो जाएगा.''

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