बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Waze) ने बुधवार को एक जांच आयोग को बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के सहयोगियों को उनके निर्देशों पर पैसे का भुगतान किया था. वाजे ने अपने उस पिछले बयान से पलटते हुए यह टिप्पणी की जिसमें उन्होंने राकांपा नेता से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले के सिलसिले में इसके विपरीत दावे किए थे.
वाजे ने एक हलफनामे में कहा कि उन्हें कुछ मुद्दों के संबंध में आयोग के समक्ष पेश होने के लिए “मजबूर और बाध्य” किया गया और दावा किया गया कि “देशमुख द्वारा स्पष्ट रूप से मानसिक रूप से परेशान और प्रताड़ित किया गया.”
महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त समिति के समक्ष अपने पिछले बयान को खारिज करते हुए, वाजे ने हलफनामे में कहा कि उन्होंने पूर्व मंत्री के निर्देश पर देशमुख से जुड़े लोगों को पैसे (कथित रूप से जबरन वसूली के माध्यम से एकत्र) सौंपे.
इससे पहले, वाजे ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के यू चांदीवाल आयोग के समक्ष अपने बयान के दौरान देशमुख या उनके किसी स्टाफ सदस्य को कोई भुगतान करने से इनकार किया था. पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) ने मुंबई में बार और रेस्तरां मालिकों से पैसे लेने से भी इनकार किया था.
चांदीवाल आयोग मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह द्वारा देशमुख (71) के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहा है. पिछले साल मार्च में एंटीलिया के निकट एक गाड़ी से विस्फोटक मिलने और मनसुख हिरन हत्याकांड में गिरफ्तारी के बाद से वाजे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है.
पिछले साल नवंबर में, मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने गोरेगांव पुलिस थाने में दर्ज एक जबरन वसूली के मामले में सह-आरोपी वाजे को हिरासत में लिया था.
पूर्व पुलिसकर्मी ने अपने हलफनामे में दावा किया, “मुंबई की अपराध शाखा द्वारा मेरी गिरफ्तारी के बाद, मैं बहुत दबाव में था और इस तरह, मैंने पूरे 15 दिनों की पुलिस हिरासत स्वीकार कर ली.”
उनके हलफनामे में कहा गया है, “पुलिस हिरासत की उक्त अवधि के दौरान, मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और पीड़ित किया गया ताकि मेरे मानस और मेरी मानसिक स्थिति को प्रभावित किया जा सके.”
वाजे ने दावा किया, “मुझे तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा हमेशा गंभीर मानसिक प्रताड़ना और उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है.” 49 वर्षीय पूर्व एपीआई ने आरोप लगाया कि पिछले साल अप्रैल में देशमुख के राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद भी उनका उत्पीड़न जारी रहा.
वाजे के हलफनामे में कहा गया, “मैं देशमुख के हाथों ‘स्टॉकहोम सिंड्रोम' से पीड़ित हूं, जो आज भी मुझ पर, मेरे जीवन, मेरे भविष्य और मेरे आसपास की परिस्थितियों पर जबरदस्त शक्ति और दबदबा रखते हैं.”
वाजे ने कहा कि इन कारणों से, उन्होंने 14 दिसंबर, 2021 को आयोग के समक्ष अपनी जिरह के दौरान कुछ बयान दिए. उसके हलफनामे में देशमुख से संबंधित कुछ बयानों को सूचीबद्ध किया गया था, जहां वाजे ने देशमुख या उनके कर्मचारियों को कोई भुगतान करने से इनकार किया था.
हलफनामे में वाजे ने कहा, “हां, देशमुख या उनकी ओर से जुड़े लोगों ने मुझसे पैसे की मांग की थी, जिसे मुझे देशमुख और/या उनके सहयोगियों की ओर से इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया था.”
अपने एक अन्य बयान से पलटते हुए वाजे ने कहा कि न केवल देशमुख, बल्कि उनसे जुड़े लोगों ने भी उनसे ऐसा करने के लिए कहा (मुंबई में पब और रेस्तरां मालिकों से पैसे इकट्ठा करने को).
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