दक्षिण अफ्रीका में पाया गया पहली बार Omicron वैरिएंट.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक सलाहकार समिति ने कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) को ‘बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक प्रकार’करार दिया है. इसके अलावा इस वैरिएंट का नाम भी ग्रीक वर्णमाला के तहत ‘ओमिक्रॉन’ रखा है. यह वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है. जिसके बाद से पूरे विश्व में चिंता देखने को मिल रही है. सभी देश इस वैरिएंट को अपने अपने देशों में घुसने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. इस वैरिएंट को लेकर विश्व में बढ़ती चिंताओं के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको लेकर कुछ बातें रखी हैं.
- WHO के मुताबिक, शुरुआती साक्ष्यों से पता चला है कि जो लोग पहले कोरोना संक्रमण हुआ है, वे दोबारा कोरोना के इस नए वैरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं. दोबारा से संक्रमण का खतरा इस वैरिएंट के साथ बना हुआ है.
- अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना के डेल्टा और दूसरे वैरिएंट की तुलना में 'Omicron'ज्यादा संचरणीय (एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अधिक आसानी से फैलना) है या नहीं. अभी केवल आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए ही इसका पता लगाया जा सकता है.
- कोरोना के 'Omicron' वैरिएंट का कोविड-19 वैक्सीन पर क्या असर पड़ेगा, यह जानने के लिए अभी डब्ल्यूएचओ काम कर रहा है.
- अभी तक यह भी पता नहीं लग पाया है कि 'Omicron' से संक्रमण अधिक गंभीर बीमारी की वजह बन सकता है या नहीं. हाल में यह भी कोई जानकारी नहीं है कि 'Omicron' से जुड़े लक्षण दूसरे वैरिएंट से अलग हैं.
- शुरुआती आंकड़ों से पता चला है कि दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है. लेकिन यह केवल 'Omicron'से संक्रमण की बजाय कल हुए लोगों की बढ़ती संख्या की वजह से भी हो सकता है. कोरोना के इस वैरिएंट की गंभीरता को समझने में कई दिनों से लेकर कई सप्ताह तक का समय लग सकता है.
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