उमर अब्दुल्ला गांदरबल सीट से लड़ेंगे चुनाव, जानिए अब्दुल्ला परिवार के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह सीट

गांदरबल सीट कश्मीर की सबसे अहम सीटों में से एक रही है. 2008 के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी के काजी अफजल को 8 हजार से अधिक मतों से हराया था.

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नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) विधानसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) ने मंगलवार को अपने प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी. इसमें 32 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गांदरबल से चुनाव लड़ेंगे. गांदरबल सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए बेहद महत्वपूर्ण सीट माना जाता है. साल 2008 में उमर अब्दुल्ला ने इस सीट से चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में उन्हें जीत मिली थी. पहली बार साल 2002 के चुनाव में उमर अब्दुल्ला इस सीट से चुनाव में उतरे थे उस दौरान उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 

घाटी की सबसे अहम सीट रही है गांदरबल 
गांदरबल सीट कश्मीर की सबसे अहम सीटों में से एक रही है. 2008 के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी के काजी अफजल को 8 हजार से अधिक मतों से हराया था. इससे पहले के चुनाव में काजी अफजल ने उमर अब्दुल्ला को पराजित किया था. अब इस चुनाव में एक बार फिर काजी मोहम्मद अफजल उमर अब्दुल्ला के सामने होंगे. 

अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियों ने इस सीट से लड़ा है चुनाव
 गांदरबल सीट से अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियों ने चुनाव लड़ा है. साल 1977 में हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और उमर अब्दुल्ला के दादा शेख अब्दुल्ला ने चुनाव लड़ा था और उन्हें जीत मिली थी. 1983,1987 और 1996 में उमर अब्दुल्ला के पिता फारुक अब्दुल्ला ने चुनाव लड़ा था और उन्हें जीत मिली थी. साल 2002 में उमर अब्दुल्ला को हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि अगले ही चुनाव में उन्होंने वापसी कर ली थी और 2008 में वो चुनाव जीत गए थे. साल 2014 में नेशनल कॉन्फ्रेस के शेख इश्फाक जब्बार इस सीट से जीतने में सफल रहे थे. 

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गांदरबल की सीट उमर अब्दुल्ला के लिए माना जाता है भाग्यशाली
2002 के चुनाव में मिली हार के बाद 2008 के चुनाव में उमर अब्दुल्ला को गांदरबल की सीट से जीत मिली थी. इस जीत के बाद उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बने थे. कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की साझा सरकार में वो सीएम बनाए गए थे. इस चुनाव में भी कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन है. 

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भौगोलिक तौर पर भी महत्वपूर्ण है गांदरबल
गांदरबल जिला पहले श्रीनगर जिले का ही हिस्सा हुआ करता था. इसके 2 हिस्से हैं गान्दरबल​ और कंगन.  6 जुलाई 2006 को इस ज़िले का गठन किया गया था. जिले के गठन के बाद इसमें 6 तहसीले बनाई गयी है. गांदरबल, तुलमुल, वाकूरा, लार गान्दरबल, कंगन गान्दरबल, गुंड गान्दरबल. जम्मू कश्मीर के राजधानी के निकट होने के कारण इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. 

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जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में होंगे चुनाव
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा की है, जिनमें 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा. मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी. चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं. यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है. कुल मिलाकर 20.7 लाख युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 20 से 29 वर्ष के बीच है. 

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