- ओम प्रकाश राजभर ने यूपी में सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कराने के लिए पिछड़े नेताओं से समर्थन मांगा है
- राजभर ने 13 पिछड़ी जातियों के अध्यक्षों को चिट्ठी लिखकर रिपोर्ट लागू करवाने में मदद की अपील की है
- उन्होंने पीएम मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ से भी इस रिपोर्ट को लागू करने की बात कही है
यूपी में पिछड़ों की राजनीति करने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष और मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने "सामाजिक न्याय समिति" की रिपोर्ट लागू कराने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. राजभर ने जेपी नड्डा के अलावा कई पिछड़े नेताओं को इस मामले में आवाज उठाने की अपील की है. एनडीटीवी से बात करते हुए ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि, "पिछड़ों में यादव, कुर्मी और सुनार जैसी कुछ जातियां आरक्षण का सारा फायदा ले लेती हैं. इन मजबूत जातियों की वजह से अति पिछड़े और सर्वाधिक पिछड़ों को आरक्षण का फायदा नहीं मिल पाता है."
13 जातियों के अध्यक्षों को चिट्ठी लिखकर मांगा सपोर्ट
इसलिए राजभर ने यूपी में राजनीति करने वाली 13 जातियों के अध्यक्षों को चिट्ठी लिखकर इस रिपोर्ट को लागू करवाने में मदद करने की अपील की है. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि, "काका कालेलकर की रिपोर्ट को पहले कांग्रेस ने अटकाया. इसके बाद किसी तरह वीपी सिंह ने पिछड़ों को आरक्षण दिया. लेकिन उसमें भी पिछड़ों में आने वाली मजबूत जातियों ने ज्यादातर हिस्सेदारी छीन ली."
क्या है सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट?
सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में पिछड़ों को दिए गए 27% आरक्षण का ज्यादा फायदा पिछड़ों में कुछ मजबूत जातियों को मिल रहा है. ऐसे में 27% आरक्षण को तीन टुकड़ों में बांट कर सबको लाभ देने का आइडिया इस रिपोर्ट में है. इसका आधार पिछड़ा, अति पिछड़ा और सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 27% आरक्षण में पिछड़ा वर्ग को 7%, अति पिछड़ा वर्ग को 9% और सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग को 11% आरक्षण दिया जाए. इस पर आर्टिरल के लिए हेडलाइन बनाएं