ओडिशा (Odisha) के भुवनेश्वर में एक सैन्य अधिकारी की दोस्त के साथ पुलिस स्टेशन में यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद कथित दुर्व्यवहार का एक वीडियो सामने आया है. कुछ लोगों द्वारा उन पर हमला करने के बाद सैन्य अधिकारी और उनकी दोस्त थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे.
एनडीटीवी को मिले वीडियो में महिला और सैन्य अधिकारी कुछ लोगों द्वारा घिरे नजर आ रहे हैं, जो उनके साथ बहस करते, धक्का देते और गालियां देते नजर आ रहे हैं. हमला रात करीब एक बजे हुआ जब महिला अपना रेस्टोरेंट बंद कर सैन्य अधिकारी के साथ होटल लौट रही थीं. हालांकि एनडीटीवी वीडियो की प्रामाणिकता को लेकर पुष्टि नहीं करता है. सैन्य अधिकारी कोलकाता में 22 सिख रेजिमेंट से जुड़े हैं.
ऐसा लगता है कि यह फुटेज मोबाइल फोन में शूट किया गया है. महिला को एक शख्स से बात करते और यह कहते सुना जा सकता है कि कुछ लोगों ने उसके साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश की.
वीडियों में क्या है?
महिला कहती है, "सर, मैं आपसे बात नहीं कर रही हूं, मैं उन लोगों से बात कर रही हूं जो मेरे साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश कर रहे हैं... यह मेरी कार है, चाहे मैं अपने पैर दिखाऊं या अपने बाल दिखाऊं, यह मेरा विशेषाधिकार है."
इसके बाद समूह में से एक शख्स हस्तक्षेप करता है और कहता है, "फिर इसे हमें मत दिखाओ." जब महिला पूछती है, "आप कौन हैं?" एक अन्य व्यक्ति एक राजनेता का नाम लेता है और पूछता है कि क्या उनके बारे में सुना है. जब वह कहती है कि उसने ऐसा नहीं सुना है तो अन्य शख्स कहता है, "ओडिशा के प्रधानमंत्री."
बहस बढ़ने के बाद सैन्य अधिकारी महिला का हाथ पकड़कर उसे दूर ले जाने की कोशिश करता है, लेकिन पुरुष उसका पीछा करते हुए चिल्लाते हैं, "यह दिल्ली नहीं है." फिर वे लोग अधिकारी को धक्का देते हैं और उसे "चीजें समझाने" के लिए कहते हैं.
बहस जारी रहती है और पुरुष महिला पर "पीड़ित कार्ड" खेलने का आरोप लगाते हैं और उसे "अति आत्मविश्वास न दिखाने" के लिए कहते हैं.
अधिकारी महिला को अपनी कार में ले जाता है और अगले वीडियो में महिला कार के दरवाजे के सामने खड़ी नजर आती हैं, तभी एक शख्स उसे गिरा देते हैं. वह शख्स गालियां देते हैं और महिला को बचाने की कोशिश कर रहे अधिकारी को भी मारते हैं. इसके बाद महिला और अधिकारी को अलग कर दिया गया और उनके साथ मारपीट की गई. वीडियो का अंत अधिकारी और महिला के कार की ओर बढ़ने के साथ होता है जब वह कहती है कि वह पुलिस के पास जाएगी. एक आदमी को यह कहते हुए सुना जाता है, "अरे जा."
पुलिस स्टेशन में क्या हुआ?
हालांकि महिला और सैन्य अधिकारी की कठिन परीक्षा अभी शुरू ही हुई थी. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि जब वे कुछ देर बाद भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंचे तो सिविल ड्रेस में केवल एक महिला कांस्टेबल मौजूद थी और उसने उनकी मदद करने से इनकार कर दिया. उन्होंने बताया कि कांस्टेबल ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और इस बीच कुछ पुलिसकर्मी पहुंचे और अधिकारी को एक सेल में बंद करने से पहले एक लिखित बयान देने के लिए कहा.
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि क्या हुआ. उन्होंने उसे हवालात में डाल दिया. जब मैंने आवाज उठाई कि वे सेना के एक अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकते क्योंकि यह गैरकानूनी है तो दो महिला अधिकारियों ने मुझ पर हमला किया." महिला ने बताया कि उन्होंने मेरे जैकेट का इस्तेमाल बाहों को बांधने के लिए किया गया और फिर एक कमरे में छोड़ दिया गया.
उन्होंने कहा, "कुछ समय बाद एक पुरुष अधिकारी ने दरवाजा खोला और छाती पर कई बार लात मारी." उन्होंने आरोप लगाया कि पुरुष अधिकारी ने पहले अपनी पैंट उतार दी और फिर उसकी, जबकि पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी ने अश्लील इशारे किए.
थाने के पुलिसकर्मियों ने क्या कहा?
हालांकि थाने के पुलिस अधिकारियों ने आरोप लगाया कि महिला और सेना अधिकारी ने नशे में एक पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. महिला को इस सप्ताह की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था और ओडिशा हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी.
ओडिशा पुलिस मुख्यालय ने कहा कि एक इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी सहित पांच पुलिसकर्मियों को "घोर कदाचार" के लिए निलंबित कर दिया गया है और जांच की जा रही है. दूसरे पुलिस स्टेशन के अधिकारी अब भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंचने से पहले महिला और सैन्य अधिकारी पर हमले की जांच कर रहे हैं.
पटनायक ने की न्यायिक जांच की मांग
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पुलिस स्टेशन में हमले की न्यायिक जांच की मांग की है.
उन्होंने कहा, "उन दोनों के साथ हुई हिंसा और मेजर की मंगेतर पर कथित यौन उत्पीड़न के संबंध में हम इस मामले की पूर्ण न्यायिक जांच की मांग करते हैं और जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए."