छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राजधानी रायपुर में मंगलवार को कुछ युवकों द्वारा निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने के मुद्दे पर कांग्रेस नीत सरकार को घेरा और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस्तीफे की मांग की.
विपक्ष के सदस्यों ने इस मुद्दे पर सदन में हंगामा किया जिसके कारण कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित की गई. वहीं, हंगामे के दौरान गर्भगृह में आने को लेकर भाजपा विधायकों को कुछ समय के लिए निलंबित किया गया.
विपक्ष के सदस्यों ने सदन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को रिहा करने की मांग की.
सदन में प्रश्नकाल के बाद इस विषय को लेकर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, भाजपा विधायक अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल तथा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों इंदु बंजारे और केशव चंद्रा ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवाओं के ‘निर्वस्त्र' होकर प्रदर्शन करने से देश-विदेश में राज्य की बदनामी हुई है.
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी लंबे समय से फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरियां पाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
भाजपा सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जिसके कारण उन्हें ‘निर्वस्त्र' होकर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
उन्होंने कहा कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र रखने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए राज्य सरकार ने उन प्रदर्शनकारियों को जेल में डाल दिया जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे थे. विपक्ष के सदस्यों ने काम रोककर इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की.
इस दौरान सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने विपक्ष का विरोध करते हुए दावा किया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान फर्जी जाति प्रमाणपत्र वाले लोगों को नौकरी दी गई. सदन में हंगामे के बीच सभापति ने कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी.
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने फिर से यह मुद्दा उठाया और दावा किया कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र की मदद से सरकारी नौकरियां पाकर एक हजार से अधिक लोग सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं.
चंदेल ने कहा, ''प्रदर्शनकारियों ने पहले ही प्रशासन को निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन करने के बारे में सूचित कर दिया था. सरकार को कम से कम यह तो सोचना चाहिए था कि वे इस तरह का प्रदर्शन करने को क्यों मजबूर हुए. मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.''
इसके बाद गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मंगलवार को हुए इस विरोध प्रदर्शन की जानकारी दी. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने स्थगन प्रस्ताव नोटिस को खारिज कर दिया. बाद में गृह मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के गर्भगृह में आ गए.
सदन के गर्भगृह में आने के कारण छत्तीसगढ़ विधानसभा के नियमों के तहत भाजपा विधायक स्वत: निलंबित हो गए. कुछ देर बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उनका निलंबन रद्द कर दिया.
छत्तीसगढ़ में कथित रूप से फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के युवकों ने मंगलवार को विधानसभा जाने वाले मार्ग पर निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया. बाद में पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले 29 युवकों को गिरफ्तार कर लिया था.