मध्य प्रदेश में एक प्रवासी भारतीय महिला (NRI woman) को मैरिज सर्टिफिकेट (marriage certificate) के नाम पर बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा. एक एनआरआई महिला ने आरोप लगाया है कि उसने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में विवाह प्रमाण पत्र पाने के लिए व्यर्थ में नौ लाख रुपये खर्च किए और इस कवायद में तीन बार भारत आना पड़ा.उसने मंगलवार को दावा किया कि बार-बार कनाडा से भारत आने में उसके 9 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. लेकिन सरकारी अफसर कनाडा दूतावास की अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं मिलने की बात कह रहे. इससे उसे बेवजह परेशानी झेलनी पड़ी.
आखिर में जब बात सामने आई तो ग्वालियर जिलाधिकारी कौशैन्द्र विक्रम सिंह ने हस्तक्षेप करके पूरे मामले की जानकारी लेकर कार्रवाई करने की बात कही है. यह मामला ग्वालियर के पास भिंड जिले के गोहद निवासी नवजोत सिंह रंधावा (26) और उनकी पत्नी कनाडाई पत्नी अनुप्रीत कौर (40) का है. नवजोत रूस के एक होटल में शेफ थे और यहीं पर मुलाकात अनुप्रीत से हुई. अनुप्रीत कनाडा मूल की है और वहां इंजीनियर है.
दोनों की 7 नवंबर 2020 को ग्वालियर के गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ में शादी हई थी. गुरुद्वारे से शादी का प्रमाणपत्र भी मिल गया था. इसी महीने दोनों ने ग्वालियर कलेक्ट्रेट में एडीएम दफ्तर में विवाह प्रमाणपत्र के लिए आवेदन दिया था. इस दौरान दोनों की एक बेटी का जन्म भी हो गया लेकिन अभी तक दोनों को विवाह का प्रमाणपत्र नहीं मिला.
अनुप्रीत ने से कहा, मैरिज ब्यूरो के बाबू ने 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. वह नहीं देने पर मुझे तीन बार कनाडा से ग्वालियर आना पड़ा और अब तक नौ लाख रुपए खर्च हो चुके हैं. डीएम ने कहा, विवाह प्रमाणपत्र एडीएम दफ्तर से जारी होता है और हो सकता है कि कोई तकनीकी दिक्कत आई हो. अब इस मामले को देखा जा रहा है और दंपति की हर संभव मदद की जाएगी.