'अब मैदान साफ है तो...' : NDTV से बोले कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में शामिल दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह ने कहा कि NDTV पर ही मुझसे पूछा गया था कि क्या आप अशोक गहलोत को पसंद करते हैं या शशि थरूर को पसंद करते हैं. अब बात ये है कि दोनों ही मेरे दोस्त हैं. मैं किसके पक्ष और किसके विरोध में बोलता.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
कांग्रेस अध्यक्ष पर को लेकर दिग्विजय सिंह ने एनडीटीवी से की खास बातचीत
नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए शुक्रवार को परचा भर सकते हैं. उनके अलावा अभी तक इस पद के लिए रेस में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शशि थरूर भी हैं. नामांकन से ठीक पहले दिग्विजय सिंह ने NDTV से खास बात की. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि NDTV पर ही मुझसे पूछा गया था कि क्या आप अशोक गहलोत को पसंद करते हैं या शशि थरूर को पसंद करते हैं. अब बात ये है कि दोनों ही मेरे दोस्त हैं. मैं किसके पक्ष और किसके विरोध में बोलता. इसलिए मैंने उस दौरान एनडीटीवी पर ही कहा था कि आप मुझे इस रेस बाहर नहीं मान सकते हैं. अब जब मैदान साफ है तो मैंने सोचा कि मैं भी अपना पक्ष रख दूं. मैदान साफ होने का मतलब ये है कि जब ये चर्चा चल रही थी कि पार्टी कोई एक नाम तय कर रही है तब विषय दूसरा था आज विषय दूसरा है. 

उन्होंने आगे कहा कि मैं कल निश्चित तौर पर नामांकन भर रहा हूं. हर पार्टी में हालात बदलते हैं. आप अगर बीजेपी को ही देखें तो उस समय नीतिन गडकरी अध्यक्ष बनते बनते रह गए और पार्टी ने राजनाथ सिंह को अध्यक्ष बना दिया था. बात रही गांधी परिवार की तरफ से अधिकृत उम्मीदवार होने की तो गांधी परिवार ने साफ कर दिया है कि वो इस चुनाव में कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं. तो ऐसे में मैं खुदको अधिकृत उम्मीदवार कैसे मान लूं. मैं अपने विवेक से चुनाव लड़ रहा हूं. मैं सभी निवेदन करूंगा कि अगर वो मुझे योग्य समझते हैं तो मुझे अध्यक्ष चुने. अगर मैं जीता तो मैं लोकतांत्रित प्रक्रिया में विश्वास करता हूं, जो पार्टी सामूहिक रूप से फैसला लेगी मैं उसके साथ रहूंगा. मैं वैसे ही काम करना चाहूंगा जैसे सोनिया गांधी करती हैं. 

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि आप देख लीजिए सोनिया गांधी सबसे बात करती हैं उसके बाद ही कोई अपना निर्णय लेती हैं. मैं अगर अध्यक्ष चुना गया तो उनकी तरह मैं भी लोकतांत्रिक रूप से फैसले लूंगा, जिसमें सबकी राय पहले जरूर ली जाएगी. अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर जब मैंने देखा कि हो सकता है कि अशोक गहलोत चुनाव ना लड़ें, तो मैंने सोचा कि फिर मैं भी अपना दावा पेश करूं. इसलिए मैंने चुनाव लड़ने की बात कही. मैं नामांकन तो भरूंगा लेकिन नाम वापस लूंगा या नहीं ये बाद में तय होगा. ऐसा इसलिए भी क्योंकि राजनीतिक घटनाक्रम हमेशा बदलते रहते हैं. उस समय जो हालात होंगे उसके मुताबिक ही फैसला लिया जाएगा. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Sambhal News: Tunnel, Basement और... Sambhal में ताज़ा खुदाई के दौरान क्या कुछ मिला जिसने सबको हैरान किया