भीषण ठंड के बावजूद किसान ((Farmers) केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे आंदोलन (Farmers Protest March) के लिए भी तैयार दिख रहे हैं. किसान अपने साथ ट्रैक्टर-ट्रालियों में राशन के अलावा, कपड़े-साबुन लाने के साथ एंबुलेंस और डॉक्टर का भी इंतजाम कर रखा है.पंजाब (Punjab) के कपूरथला जिले के किसानों का एक समूह अपने साथ एंबुलेंस, एक डॉक्टर और दवाओं का पूरा कार्टन लेकर आया है, ताकि ठंड के दौरान किसी भी किसान को कोई दिक्कत पेश आए तो तुरंत इलाज किया जा सके.
यह भी पढ़ें- आंदोलनरत किसानों की दो टूक, 'हमें पार्टी की मदद नहीं चाहिए, कानून रद्द होने तक हटेंगे नहीं'
दिल्ली-हरियाणा सीमा (Delhi-Haryana Border) के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर लगातार छठवें दिन किसानों की नाकेबंदी कायम है. किसानों के हुजूम का हवाई नजारा देखने से ट्रैक्टर-ट्रालियों का लंबा रेला दिख रहा है. किसानों के बीच तारपोलीन से ढंके ट्रालर, राशन से लदे ट्रक, पानी, ईंधन, दवाएं और अन्य आवश्यक वस्तुओं का पूरा इंतजाम दिखता है.
रोजमर्रा का सामान भी साथ
ये तैयारियां साफ संकेत देती हैं कि जब तक किसानों की चिंताओं का समाधान नहीं निकाला जाता और कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक वे वापस नहीं जाएंगे. जब किसानों के विरोध प्रदर्शनों की बढ़ती तीव्रता देश और दुनिया में सुर्खियां बन रही हैं, तब एक बात पर शायद ही किसी का ध्यान गया हो कि किसान संगठन दिल्ली चलो अभियान को सफल बनाने के लिए किस स्तर की तैयारियां करके निकले हैं.किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों, ट्रकों पर रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे कपड़े धोने का साबुन, टूथब्रश, टूथपेस्ट, चप्पलें, गर्म कंबल और अन्य सामान लेकर निकले हैं.
मिनरल वॉटर का भी इंतजाम
विरोध प्रदर्शन में जुटे किसानों के लिए सैकड़ों बोतल मिनरल वाटर की भी व्यवस्था की गई है. पंजाब के कपूरथला से आए और मेडिकल कैंप की देखरेख कर रहे अवतार सिंह वालिया ने NDTV से कहा, "हमारे साथ एक डॉक्टर भी है, जो किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के वक्त इलाज के लिए तैयार है. हम कोविड-19 को देखते हुए किसानों को मास्क भी बांट रहे हैं. कई जगह सामुदायिक रसोई तो बनाई गई हैं, लेकिन इलाज के लिए जरूरी इंतजामात करना हमें सही लगा. " किसानों के पास करीब छह माह का राशन है. स्टोव पर उन्हें जगह-जगह खाना बनाते देखा जा सकता है.