नोएडा, गाजियाबाद के लिए खुशखबरी, सोमवार से खत्म होगी पानी की किल्लत

गाजियाबाद के प्रताप विहार में गंगाजल प्लांट लगा हुआ है. यहां से 100 क्यूसेक पानी नोएडा और 50 क्यूसेक पानी गाजियाबाद के विभिन्न हिस्सों को सप्लाई किया जाता है. नहर बंद रहने के दौरान इस पानी की सप्लाई रोक दी जाती है.

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नोएडा, गाजियाबाद में खत्म होगी पानी की किल्लत. (प्रतीकात्मक फोटो)

नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाकों में सोमवार से पानी का संकट खत्म (Water Crisis) होने की उम्मीद है. गंग नहर में सफाई का काम होने के बाद रविवार रात से उसमें पानी छोड़ दिया जाएगा. गंगाजल आने पर पहले की तरह पानी की आपूर्ति सामान्य हो जाएगी. फिलहाल सुबह-शाम तीन घंटे ही पानी आ रहा है. आम दिनों में छह घंटे तक पानी आता है. दशहरे से गंग नहर की सफाई के चलते गंगाजल की सप्लाई शहर में बंद है.

खत्म होगा पानी का संकट

गंगाजल बंद होने के बाद से ही शहर में पानी का संकट बना हुआ है. लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलने से दिक्कत हो रही है. सुबह-शाम दो-तीन घंटे ही पानी मिल पा रहा है. इस दौरान पानी का प्रेशर भी कम बना हुआ है. नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि रविवार तक गाजियाबाद के प्लांट तक गंगाजल आने का अनुमान है. ऐसे में उस दिन शाम या सोमवार से शहर में गंगाजल की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी.

तीन हफ्ते से गंगाजल वाले पानी की सप्लाई बंद

अधिकारियों ने बताया कि नोएडा में 450 मिलियन लीटर प्रतिदिन-एमएलडी-पानी की मांग है. इसमें 240 एमएलडी गंगाजल, 110 एमएलडी नलकूप और 100 एमएलडी रेनीवेल के जरिए पूरा किया जाता है. तीन सप्ताह से गंगाजल वाले 240 एमएलडी की पानी की सप्लाई पूरी तरह से बंद है. ऐसे में 210 एमएलडी के जरिए पानी की सप्लाई शहर में की जा रही है, जिसकी वजह से पानी का संकट बना हुआ है.

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गंगनहर की सफाई पूरी, अब छोड़ा जाएगा पानी

बता दें कि 12 अक्टूबर की रात से ही गंगाजल सप्लाई बाधित हो गई थी. इसके चलते लाखों लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाया और उन्‍हें को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. करीब 21 दिन तक इसमें सफाई कार्य हुआ. ये नहर 2 नवंबर यानी कि आज से चालू होगी. गाजियाबाद के प्रताप विहार में गंगाजल प्लांट लगा हुआ है. यहां से 100 क्यूसेक पानी नोएडा और 50 क्यूसेक पानी गाजियाबाद के विभिन्न हिस्सों को सप्लाई किया जाता है. नहर बंद रहने के दौरान इस पानी की सप्लाई रोक दी जाती है. नहर सफाई हर साल की एक रूटीन प्रक्रिया है. इसमें नहर से जुड़ी सभी मशीनों, रेगुलेटरों को साफ किया जाता है, ताकि पानी का प्रवाह बना रहे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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