फेसबुक अपनी नीतियों को गैर-पक्षपातपूर्ण, उद्देश्यपूर्ण तरीके से लागू करता है. कंपनी के इंडिया प्रमुख ने शुक्रवार को NDTV को बताते हुए उन रिपोर्टों को खारिज किया है, जिनमें कहा गया था कि एक शीर्ष अधिकारी ने सत्तारूढ़ भाजपा के एक नेता के खिलाफ कार्रवाई को वीटो कर दिया था, जो अभद्र भाषा के लिए जिम्मेदार था. फेसबुक के उपाध्यक्ष और भारत के प्रबंध निदेशक अजीत मोहन ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "जब हिंसा के लिए अभद्र भाषा या भाषण को सीमित करने की बात आती है, तो हम बहुत स्पष्ट होते हैं और हम अपने सामुदायिक दिशानिर्देशों को स्पष्ट करते हैं कि हमारे प्लेटफॉर्म पर क्या अनुमति है और क्या नहीं." उन्होंने कहा कि कंपनी में किसी एक व्यक्ति के पास अनिवार्य रूप से यह कहने की शक्ति नहीं है कि 'आपको हमारी नीति का प्रवर्तन नहीं करना चाहिए'.
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मोहन अपनी पूर्व पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर अंखी दास के विवाद के बारे में बोल रहे थे, जिन्होंने पिछले साल वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के दो महीने बाद कहा था कि सोशल नेटवर्क में अभद्र भाषा देने के आरोपी भाजपा नेता को मुफ्त पास देने में उनकी भूमिका थी. रिपोर्ट आने के कुछ सप्ताह बाद फेसबुक द्वारा नेता को प्रतिबंधित कर दिया गया.
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उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई भी हमारे प्लेटफॉर्म पर अभद्र भाषा चाहता है. मुझे नहीं लगता कि यह हमारे हित में है कि उपयोगकर्ताओं को अभद्र भाषा से अवगत कराया जाए... हमारा वित्तीय प्रोत्साहन हमारे प्लेटफॉर्म पर सही काम करने के पक्ष में बहुत पक्षपाती है."