मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को कहा कि शाहरुख खान अभिनीत बॉलीवुड फिल्म ‘‘पठान'' का अब विरोध करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि सेंसर बोर्ड पहले ही विवादित बातों का ‘ध्यान' रख चुका है. मालूम हो कि मिश्रा उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने ‘‘पठान'' के कुछ दृश्यों को लेकर सबसे पहले आपत्ति जताई थी.
कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने कुछ दृश्यों को लेकर बुधवार को मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिससे इंदौर और भोपाल के कुछ सिनेमाघरों को सुबह के शो रद्द करने पड़े.
मध्य प्रदेश में फिल्म पठान के खिलाफ प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इसमें (फिल्म) सभी सुधार किए गए हैं। सेंसर बोर्ड ने सुधार कर दिया है. विवादित शब्द हटा दिए गए हैं. इसलिए मुझे अब विरोध करने का कोई मतलब नहीं दिखता है.''
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के मंत्री ने कहा कि फिल्म का विरोध करने वालों की ‘काउंसलिंग' की जाएगी. पिछले महीने मिश्रा ने इस फिल्म के 'बेशरम रंग' के गाने में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के पहनावे पर आपत्ति जताई थी. गाने में भगवा वेशभूषा के उपयोग पर आपत्ति जताई गई थी.
इस महीने की शुरुआत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में भाजपा के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को फिल्मों जैसे अप्रासंगिक मुद्दों पर अनावश्यक टिप्पणी करने से परहेज करने की सलाह दी थी.
प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने कहा था, ‘‘ किसी का नाम नहीं लिया गया था लेकिन उनका ( प्रधानमंत्री मोदी) हर शब्द, वाक्य हमारे लिए शिरोधार्य है और इसलिए सारे कार्यकर्ता वहां से प्रेरणा लेकर आए हैं.''