बिना हिजाब के देने होंगे बोर्ड एग्जाम, कोई छूट नहीं मिलेगी : कर्नाटक के शिक्षा मंत्री

सरकार के रुख ने कई मुस्लिम छात्रों को असमंजस में डाल दिया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी गुरुवार को हिजाब विवाद पर जल्द सुनवाई की अपील को खारिज कर दिया.

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परीक्षा का हवाला देते हुए छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी.
नई दिल्ली:

कर्नाटक सरकार ने बोर्ड परीक्षा के दौरान भी छात्रों को हिजाब की अनुमति देने से इनकार कर दिया. एनडीटीवी से बात करते हुए राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि जो लोग हिजाब पहनना चाहते हैं उनके लिए कोई प्रावधान या अपवाद नहीं होगा. हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले हाईकोर्ट के आदेश का सभी को पालन करते हुए परीक्षा देनी होगी. 

उन्होंने कहा, 'कोई छूट नहीं होगी. छात्रों को उच्च न्यायालय के फैसले का पालन करना चाहिए. किसी को भी हिजाब के साथ परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यदि छात्रों को अपनी गलती का एहसास होता है, तो उन्हें बोर्ड एग्जाम के दो महीने बाद सप्लिमेंट्री एग्जाम देने की अनुमति दी जाएगी. लेकिन फिर भी उन्हें बिना हिजाब  के एग्जाम देना होगा.'

सरकार के रुख ने कई मुस्लिम छात्रों को असमंजस में डाल दिया है और सुप्रीम कोर्ट ने भी गुरुवार को हिजाब विवाद पर जल्द सुनवाई की अपील को खारिज कर दिया.

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परीक्षा का हवाला देते हुए छात्रों ने कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी. अपनी अपील में, उन्होंने कहा था कि अगर हिजाब पर प्रतिबंध लागू किया जाता है तो वे बोर्ड परीक्षाएं देने से चूक जाएंगे. शीर्ष अदालत ने हालांकि छात्रों से इस मुद्दे को 'सनसनीखेज' नहीं बनाने को कहा और उन्हें सुनवाई की तारीख देने से इनकार कर दिया.

पिछले हफ्ते कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपने आदेश में हिजाब पर राज्य सरकार के प्रतिबंध को हटाने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने छात्रों की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि हिजाब इस्लाम में "एक आवश्यक प्रथा नहीं है". छात्रों ने दलील दी थी कि हिजाब को संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षण प्राप्त है जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है.

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बता दें, पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने होली की छुट्टी के बाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी.

कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने के बाद से कई छात्रों ने स्कूलों और कॉलेज छोड़ दिया था. इसका मुस्लिम व्यापारियों पर भी असर पड़ा. कई मुस्लिम संगठनों द्वारा छात्रों का समर्थन के बाद राज्य भर में पोस्टर लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि हिंदू मंदिरों और मेलों में मुस्लिम व्यापारियों को अनुमति नहीं दी जाएगी. राज्य की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने दावा किया है कि सड़क किनारे स्टॉल लगाने वाले मुस्लिम विक्रेताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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