बिहार में राजनीतिक बयानबाजी हर बीतते दिन के साथ तेज होती दिख रही है. ताजा घटनाक्रम में जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष ललन सिंह और पार्टी के पूर्व नेता आरसीपी सिंह आमने-सामने दिख रहे हैं. जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने रविवार को आरसीपी सिंह के बयान पर पलटवार किया है. दरअसल, आरसीपी सिंह ने एक बयान जारी कर नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसके जवाब में ही ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जी के विधायकों की संख्या जो 43 हुई है वो जनाधार के कम होने की वजह से नहीं है. वो अगर हुई है तो सिर्फ और सिर्फ साजिश की वजह से. इस साजिश का परिणाम है कि आज नीतीश जी 43 पर हैं. और उस साजिश के प्रति अब नीतीश की पार्टी पूरी तरह से सतर्क है. अब कोई साजिश या षडयंत्र अब यहां चलने वाला नहीं है.
एक मॉडल इस्तेमाल किया था 2020 के चुनाव में. उसे चिराग मॉडल कहा गया था. एक दूसरा भी चिराग मॉडल तैयार किया जा रहा था. कभी आगे मौका मिला तो आगे बताएं कि षडयंत्र कहां और कैसे कैसे हुआ. कोई आदमी नीतीश जी के खिलाफ षड़यंत्र क्यों कर रहा है,ये समझ से परै है. नीतीश कुमार ने बिहार में विकास की एक नई लकीर खींची है. अगर आपको उसे मिटाना है तो उससे बड़ी लकीर खीचों, लेकिन षडयंत्र क्यों करते हो. उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होगा. नीतीश कुमार जी ने 2019 में कहा था कि हम केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होंगे, हमारी पार्टी आज भी उसी स्टैंड पर खड़ी है.
2021 में सरकार में शामिल हुए थे आप उनसे ही पूछिए की वो क्यों शामिल हुए. नीतीश जी तो 2019 में ही कह चुके थे कि सरकार में शामिल नहीं होंगे. मैं पहले भी कह चुका हूं कि अगर मुख्यमंत्री जी किसी को कोई जिम्मेदारी देते हैं तो उनके फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं. ऐसे में 2021 राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह थे, अब ये उनका फैसला था. लिहाजा जवाब भी उन्हें देना होगा.
बता दें कि बिहार सीएम नीतीश कुमार के नाराज होने के बाद जदयू छोड़ने के एक दिन बाद आरसीपी सिंह ने उन पर निशाना साधते हुए कहा वे बदले की भावना से भरे हुए हैं. जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और नीतीश कुमार के करीबी रहे आरसीपी सिंह ने कहा कि वह इसलिए इतना नीचे गिर गए और मेरी बेटियों को निशाना बनाया. जदयू ने आरसीपी सिंह से उनकी बेटियों से जुड़ी संपत्तियों में 'अनियमितताओं' के बारे में सवाल पूछा था.
नीतीश कुमार कथित तौर पर गठबंधन सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के साथ बढ़ती नजदीकियों को लेकर आरसीपी सिंह से नाराज थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरसीपी सिंह ने पार्टी प्रमुख की सहमति के बिना केंद्रीय कैबिनेट की कुर्सी कबूल कर ली थी. हालांकि, इस पर आरसीपी सिंह ने कहा कि भाजपा केवल मुझे मंत्री बनाना चाहती थी. जब मैंने इसके बारे में नीतीश कुमार को बताया तो उन्होंने खुद कहा कि दिल्ली जाकर शपथ लिजिए.