कोरोनाकाल में बिहार की चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राज्य के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने जेडीयू-बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि बिहार में पिछले 16 साल में गांवों और कस्बों में अस्पताल बढ़ने की बजाय घट गए हैं. राजद नेता का कहना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (MOHFW) के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, कथित जंगलराज और क्रीम-पाउडर वाले नीतीश-भाजपा राज का सच सामने आ गया है. बिहार में वर्ष 2005 में स्वास्थ्य उप केंद्रों की संख्या 10337 थी, जो अब 2020 में घटकर 9112 रह गई है.
उनका दावा है कि ये आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हैं. इसी आधार पर उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 16 साल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या भी 101 से घटकर 57 रह गई है. तेजस्वी ने ट्वीट में सवाल किया, खुद सोचिए/पूछिए, 16 वर्षों में नीतीश जी ने 2005 तक कार्यरत कितने स्वास्थ्य केंद्रों को कब, क्यों और किसलिए बंद किया?
गौरतलब है कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है. एक दिन पहले ही राजद ने बिहार के गोपालगंज जिले के इंद्रवां गांव की बदहाल तस्वीर सोशल मीडिया पर सबके सामने रखी थी. राजद का कहना है कि यह स्वास्थ्य केंद्र बिहार के खनन और भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम के मोहल्ले में है, फिर भी यहां बुरी स्थिति में है.
तेजस्वी यादव ने सभी विधायकों और विधानपार्षदों की मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना निधि को बिहार सरकार द्वारा जबरन अपने कोष में जमा करने को लेकर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर सवाल पूछा है. राजद नेता ने कहा कि नीतीश सरकार निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अधिकार छीन उनके क्षेत्रों को विकास से वंचित क्यों रखना चाहती है?