केंद्र में बैठे लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देता : पीएम मोदी के बयान पर नीतीश कुमार का जवाब

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में भ्रष्टाचारी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के कारण राष्ट्रीय राजनीति में नया ध्रुवीकरण हुआ है और कुछ राजनीतिक समूह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे लोगों को बचाने के लिए खुलेआम एक गुट में संगठित होने का प्रयास कर रहे हैं.

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नीतीश कुमार ने पीएम मोदी के बयान का ये दिया जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को केरल में बयान दिया था कि कुछ दल भ्रष्टाचारियों को बचा रहे हैं. इस पर आज सीएम नीतीश कुमार से कुछ पत्रकारों ने सवाल किया गया. इस पर नीतीश ने कहा कि इन्हें नहीं पता कि जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के पीएम थे उनके साथ जो काम करने का मौका मिला था, तो किस तरह काम हुआ. किस तरह से उन्होंने सब लोगों का ख्याल रखा. यहां पर भी बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया है. कोई भी साथ रहे. आप देख रहे हैं कि कितना काम कर रहे हैं. कोई हैं केंद्र में वो सब बोलते रहते हैं, हम ध्यान ही नहीं देते. भ्रष्टाचारी को बचाने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि कहां कोई भ्रष्टाचारी को बचा रहा है. कोई भ्रष्टाचारी को बचाएगा. इधर, उधर राज्य में जो हो रहा है कि कहां से किसको लाना हैं. तो वो लोग अपना सोचें. बिहार में तो हमने कभी भ्रष्टाचारी को बर्दाश्त नहीं किया.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में भ्रष्टाचारी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के कारण राष्ट्रीय राजनीति में नया ध्रुवीकरण हुआ है और कुछ राजनीतिक समूह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे लोगों को बचाने के लिए खुलेआम एक गुट में संगठित होने का प्रयास कर रहे हैं.  भ्रष्टाचार विकास और युवाओं के हितों में सबसे बड़ा बाधक है. पीएम मोदी ने कहा कि मैंने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से कहा था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक संघर्ष का वक्त आ गया है. हालांकि हम देख रहे हैं कि चूंकि हम भ्रष्ट व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, इसलिए राष्ट्रीय राजनीति में एक नया ध्रुवीकरण शुरू हुआ है. भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वालों को बचाने के लिए कुछ राजनीतिक समूह खुलकर आगे आ रहे हैं और एक गुट में संगठित होने का प्रयास कर रहे हैं. केरल और भारत के लोगों को ऐसे समूहों के प्रति सजग रहना होगा.

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प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्षी दलों के कुछ शक्तिशाली नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा जारी जांच किए जाने और इसके लिए उनकी सरकार पर एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के आरोप लगाए जाने की पृष्ठभूमि में आई है. उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना और बुनियादी ढांचे को विकसित करना केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

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(इनपुट्स भाषा से)
 

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