राहुल गांधी से मुलाकात में नीतीश कुमार ने कहा - तेजस्‍वी को देना होगा इस्तीफा : सूत्र

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की विदाई के उपलक्ष्‍य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित डिनर में बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को भी आमंत्रित किया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
राहुल गांधी और नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बिहार के सत्‍तारूढ़ महागठबंधन में जारी है तनातनी
प्रणब मुखर्जी के सम्‍मान में आयोजित डिनर में हिस्सा लेने आए हैं नीतीश
मंगलवार को रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल होंगे नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को दिल्ली में हैं जहां उन्‍होंने कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. राहुल गांधी के साथ नीतीश की ये बैठक 35 मिनट तक चली. इस दौरान कांग्रेस नेता सीपी जोशी भी मौजूद थे. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने बिहार के उपमुख्‍यमंत्री तेजस्‍वी यादव पर लगे भ्रष्‍टाचार के आरोपों पर राहुल गांधी के साथ चर्चा की. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने तेजस्‍वी यादव पर अपना रुख साफ कर दिया कि उन्‍हें लगता है कि तेजस्‍वी का पद पर बने रहना महागठबंधन के हित में नहीं होगा और इससे विपक्षी बीजेपी को बिना वजह एक मुद्दा मिल जाएगा.
उन्‍होंने यह भी कहा कि सीबीआई ने एफआईआर नहीं बल्कि एक सामान्‍य केस दर्ज किया है जो कि प्राथमिक जांच के बाद किया जाता है. उन्‍होंने कांग्रेस नेतृत्‍व से निवेदन किया कि वह भविष्‍य में होने वाले राजनीतिक प्रभावों को ध्‍यान में रखते हुए तथ्‍यों के आधार पर ही कोई रुख अपनाए.

बिहार में महागठबंधन की सरकार में कांग्रेस भी एक सहयोगी है. दरअसल शनिवार को दिल्‍ली के हैदराबाद हाउस में राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी की विदाई के उपलक्ष्‍य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित डिनर में बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को भी आमंत्रित किया गया था. उसी में हिस्‍सा लेने के लिए नीतीश कुमार दिल्‍ली आए हैं. नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी के मंत्री और एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी इस डिनर में मौजूद रहेंगे.

डिनर में बीजेडी और एआईएडीएमके जैसे अन्‍य पार्टियों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है जिन्‍होंने राष्‍ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद का साथ दिया. गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव के तहत वोटों की गिनती हुई जिसमें कोविंद की जीत हुई.

विपक्ष से अलग होकर बिहार के पूर्व राज्‍यपाल रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला करने वाले नीतीश कुमार पहले ही पुष्टि कर चुके हैं कि वे मंगलवार को उनके शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगे. राष्‍ट्रपति चुनाव में विपक्ष की साझा उम्‍मीदवार मीरा कुमार की जगह बीजेपी के उम्‍मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन कर नीतीश कुमार ने कांग्रेस और सहयोगी लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ अपनी साझेदारी को खतरे में डाल दिया है.

महागठबंधन में गांठ
नीतीश कुमार बिहार सरकार में अपने सहयोगी लालू यादव के परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को लेकर असहज महसूस कर रहे हैं. तनाव महागठबंधन को लेकर है. मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव को उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा है. यादव इस सुझाव से नाखुश हैं. कांग्रेस इस मामले में तनाव खत्म करने के लिए मध्यस्थता करना चाहती है, लेकिन हवा का रुख ऐसा नहीं है.

यह भी पढ़ें- क्या तेजस्वी यादव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है? लालू के दोनों बेटे नहीं जा रहे ऑफिस
बीजेपी से बढ़ती नजदीकी
नीतीश कुमार के मौजूदा रुख में अपने पुराने सहयोगी बीजेपी और मोदी से समीपता बढ़ती दिखाई दे रही है. पिछले साल मोदी ने भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए नोटबंदी का ऐलान किया. उनके इस कदम का विपक्ष में सिर्फ नीतीश कुमार ने समर्थन किया. यदि नीतीश अपने मौजूदा सहयोगियों से नाता तोड़ते हैं तो बीजेपी की ओर से पहले ही बिहार सरकार को बाहर से समर्थन देने की पेशकश की जा चुकी है.    

नीतीश कुमार ने जोर देकर कहा है कि रामनाथ कोविंद को उनका समर्थन केवल इस 71 वर्षीय नेता की साख के कारण है. कोविंद की निर्विवाद तटस्थता बिहार के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान देखी गई है. अगले महीने होने वाले उप राष्ट्रपति के चुनाव में नीतीश की पार्टी ने विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल कृष्‍ण गांधी को समर्थन देने का वादा किया है.

VIDEO- जल्द फैसला ले सकते हैं नीतीश कुमार
Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War: Vladimir Putin ने यूक्रेन को दिया बातचीत का प्रस्ताव, बढ़ी Ceasfire की उम्मीद
Topics mentioned in this article