'मेरी कामना है कि कांग्रेस मजबूत बने...'- देश की सबसे पुरानी पार्टी पर नितिन गडकरी का बयान चर्चा में

नितिन गडकरी की ओर से हाल ही में देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के लिए की गई टिप्पणियां चर्चा में हैं. बीजेपी के मजूबत नेता की छवि रखने वाले गडकरी के शब्दों में कांग्रेस के लिए हमदर्दी और प्रोत्साहना दिखाई दी.

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नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस को लेकर कई टिप्पणियां कीं. (फाइल फोटो)
मुंबई:

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से हाल ही में देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के लिए की गई टिप्पणियां चर्चा में हैं. बीजेपी के मजूबत नेता की छवि रखने वाले गडकरी के शब्दों में कांग्रेस के लिए हमदर्दी और प्रोत्साहना दिखाई दी. एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए एक मजबूत कांग्रेस का होना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि यह उनकी 'कामना है' कि लगातार चुनावों में हार रही कांग्रेस फिर से मजबूत बने और पार्टी के नेता निराश होकर पार्टी न छोड़कर जाएं. गडकरी ने यह भी कहा कि कमजोर कांग्रेस का मतलब है कि क्षेत्रीय पार्टियां मुख्य विपक्षी पार्टी की जगह ले रही हैं, जो कि 'अच्छे संकेत नहीं हैं.'

शनिवार को लोकमत पत्रकारिता अवॉर्ड्स कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'लोकतंत्र दो पहियों पर चलता है- सत्तारूढ़ व्यवस्था और विपक्ष से. लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष एक जरूरत है, इसलिए ये मेरी कामना है कि कांग्रेस मजबूत बने. साथ ही कांग्रेस के कमजोर होने पर इसकी जगह क्षेत्रीय पार्टियां ले रही हैं, जो लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. ऐसे में विपक्ष को मजबूत बनना चाहिए.'

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इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, गडकरी ने कहा कि 'जवाहरलाल नेहरु एक उदाहरण है. जब अटल बिहारी वाजपेयी लोकसभा चुनाव हार गए थे तो नेहरु फिर भी उनका सम्मान करते थे. एक लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है.'

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उन्होंने कांग्रेस नेताओं से हार को लेकर 'कमजोर न पड़ने' और पार्टी के साथ बने रहने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 'मैं पूरे दिल से चाहता हूं कि कांग्रेस मजबूत बनी रहे. जो लोग कांग्रेस की विचारधारा का अनुसरण करते हैं, उन्हें पार्टी के साथ बने रहना चाहिए और दृढ़ता से बने रहना चाहिए. उन्हें काम करते रहना चाहिए और हार से निराश नहीं होना चाहिए. अगर हार है तो एक दिन जीत भी होगी.' 

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उन्होंने वो वक्त भी याद किया जब बीजेपी संसद में बस 2 सीटें जीत पाई थीं. मंत्री ने कहा, 'लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत से वक्त बदला, और हमें अटल बिहारी वाजपेयी के रूप में प्रधानमंत्री मिला. ऐसे में निराशा में किसी को अपनी विचारधारा नहीं छोड़नी चाहिए.'

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गडकरी की टिप्पणियां दिलचस्प हैं क्योंकि उनकी पार्टी हर मौका मिलने पर हमेशा 'कांग्रेस मुक्त भारत' विचारधारा को प्रमोट करती रही है.

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