महाराष्ट्र में शिवाजी (Shivaji) की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर जारी राजनीतिक घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि अगर प्रतिमा को स्टेनलेस स्टील से बनाया गया होता तो वो नहीं गिरता. महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में लगाए जा रहे शिवाजी की प्रतिमा के गिरने के बाद से विपक्षी दलों की तरफ से महाराष्ट्र सरकार पर लगातार हमले बोले जा रहे हैं. शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे दिग्गज नेताओं ने सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया था.
इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने समुद्री क्षेत्र के अपने अनुभव को बताते हुए बुधवार को कहा कि जो हिस्सा समुद्र से 30 किलोमीटर तक क्षेत्र में है वहां स्टेनलेस स्टील का उपयोग अगर नहीं होता है तो समस्या होती है. गडकरी ने आगे कहा कि अगर शिवाजी की प्रतिमा में स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया होता तो 100 प्रतिशत ऐसी संभावना थी कि वो नहीं गिरता. कितना भी अच्छा काम कर लो लेकिन जो समुद्री क्षेत्र के बिल्डिंग होते हैं उसमें रस्टिंग (Rusting) हो जाता है.
क्या है पूरा मामला?
मुंबई से करीब 480 किलोमीटर दूर मालवण तहसील के राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा योद्धा की प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई थी. इसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार दिसंबर 2023 को नौसेना दिवस के अवसर पर किया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) के शरद पवार, शिवसेना(यूबीटी) के उद्धव ठाकरे, कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख नाना पटोले और पार्टी की मुंबई इकाई की प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने ‘संयुक्त महाराष्ट्र' आंदोलन में शहीद हुए लोगों की याद में बने हुतात्मा चौक पर पुष्पांजलि अर्पित कर विरोध मार्च की शुरुआत की.
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