"किसने पैसा देने से इनकार किया": कर्नाटक फंड मुद्दे पर निर्मला सीतारमण की दो टूक

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman On Karnataka Central Taxes And Grants-In-Aid) ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि अंतरिम बजट में किसी प्रमुख मद में आवंटन में कटौती नहीं की गई है, वहीं बेरोजगारी दर पांच साल में घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई है.

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कांग्रेस के आरोप पर वित्त मंत्री का करारा जवाब.
नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक (Nirmala Sitharaman On Karnataka Funds) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर राजस्व वितरण में राज्य के साथ हुए "अन्याय" के आरोप पर लोकसभा में आंकड़ों के साथ जवाब दिया. कांग्रेस का आरोप है कि पिछले कुछ सालों में कर राजस्व में कर्नाटक के हिस्से का पैसा ट्रांसफर और सहायता अनुदान में राज्य के साथ "अन्याय" किया गया है. उनके इस आरोप पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने वित्त आयोग की सिफ़ारिशों का "अंतिम शब्द तक" पालन किया है. वित्त मंत्री ने लोकसभा में आंकड़े पेश करते हुए यूपीए सरकार और बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तहत कर्नाटक को दिए गए केंद्रीय करों और अनुदान सहायता की हिस्सेदारी की तुलना की. उन्होंने कहा कि कर्नाटक को किसी भी तरह से वंचित नहीं किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कर्नाटक को 50 सालों के लिए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 6,280 करोड़ रुपये दिए गए हैं. 

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कांग्रेस के आरोपों पर वित्त मंत्री का जवाब

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार 15वें वित्त आयोग के तहत कर्नाटक को कथित तौर पर हुए 1.87 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई करे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि अंतरिम बजट में किसी प्रमुख मद में आवंटन में कटौती नहीं की गई है, वहीं बेरोजगारी दर पांच साल में घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई है. अंतरिम बजट पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि किसी प्रमुख मद में आवंटन घटाया नहीं गया है, बल्कि इसमें बढ़ोतरी की गई है.

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"कर्नाटक को पैसा देने से इनकार कहां?"

वित्त मंत्री ने कहा कि सहायता अनुदान पर नजर डालें तो यूपीए के 10 साल के कार्यकाल में कर्नाटक को 60,779.84 करोड़ रुपये मिले. मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में कर्नाटक को 2,08,832.02 करोड़ मिले. इसके अलावा, इस साल बजट में कर्नाटक के लिए 18,005 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता अनुदान जारी करने का प्रावधान रखा गया. बीजेपी के 10 सालों में कर्नाटक को 2,26,837 करोड़ रुपये मिले हैं. उन्होंने पूछा, "कर्नाटक को कहां पैसा देने से इनकार किया जा रहा है? कर्नाटक को कहां कम पैसा मिल रहा है."

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"बेरोजगारी दर घटकर 3.2 हुई"

वित्त मंत्री ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि बेरोजगारी दर 2017-18 के छह प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.2 प्रतिशत रह गई है. सीतारमण ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से जरूरी खाद्य वस्तुओं के दाम कम हुए हैं.उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आवंटन में चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान की तुलना में वृद्धि की गई है. अनुपूरक मांगों में उर्वरक विभाग को 3,000 करोड़ रुपये सब्सिडी के लिए मांगे गऐ हैं.

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"महिला श्रम शक्ति भी बढ़ी"

वित्त मंत्री ने श्रम शक्ति 49 प्रतिशत से बढ़कर 57 प्रतिशत होने का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि बेरोजगारी दर में कमी आई है और यह 2017-18 के छह प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.2 प्रतिशत रह गई है. सीतारमण ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में 18 से 25 साल की आयु के लोगों का पंजीकरण बढ़ा है. 55 प्रतिशत पंजीकरण नए हैं.

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उन्होंने कहा कि महिला श्रम शक्ति भी बढ़ी है और ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के 29 करोड़ कामगार में 53 प्रतिशत महिलाएं हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं. सीतारमण ने कुछ सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के संबंध में वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार राशि दी गई है और कर्नाटक को धन नहीं मिलने का दावा सही नहीं है.

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