निर्भया रेप और मर्डर केस मामले में दोषी पवन के नाबालिग होने का दावा सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

निर्भया रेप और मर्डर केस मामले में दोषी पवन के नाबालिग होने का दावा सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. इससे पहले दोनों पक्षों में बहस हुई. दिल्ली पुलिस की ओर से एसजी तुषार मेहता ने दलील दी कि पवन घटना के समय नाबालिग नहीं था.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
वारदात के समय नाबालिग होने का दावा खारिज
दोषी पवन ने किया था दावा
सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
नई दिल्ली:

निर्भया रेप और मर्डर केस में दोषी पवन के नाबालिग होने का दावा सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. इससे पहले दोनों पक्षों के बीच बहस हुई. दिल्ली पुलिस की ओर से एसजी तुषार मेहता ने दलील दी कि पवन घटना के समय नाबालिग नहीं था. पवन का जन्म प्रमाण पत्र दाखिल किया गया था. इसके आधार पर ही साफ हुआ कि वह नाबालिग नहीं है. दोषियों ने पुलिस के जांच अफसर की 2013 की रिपोर्ट का विरोध नहीं किया. तुषार मेहता ने आगे कहा कि पुलिस ने जनवरी 2013 में उम्र का वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट दाखिल किया. उसके माता-पिता ने भी इसकी पुष्टि की थी. नाबालिग होने का दावा कभी भी किया जा सकता है. वहीं बचाव पक्ष का कहना था कि पवन को फंसाने के लिए बड़ी साजिश रची गई है. पीड़िता ने पवन का नाम नहीं लिया था.

पुलिस ने पवन की उम्र को लेकर जानबूझकर तथ्यों को छिपाया है. इस पर जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि आपने पुनर्विचार याचिका के दौरान ये मुद्दा उठाया था. इसे जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. आप फिर उसी मुद्दे को उठा रहे हैं क्या आपको बार- बार ऐसी याचिका की इजाजत दी जा सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप ऐसे ही याचिका दाखिल करते रहे तो ये "अन्तहीन" हो जाएगा. पुलिस की ओर से SG तुषार मेहता ने भी इसका विरोध किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को उठा चुके हैं. कितनी बार आप यही मुद्दा उठाएंगे.

निर्भया मामला: दोषी पवन के वकील को बार काउंसिल ने भेजा नोटिस, हाईकोर्ट में दिखाए थे फर्जी दस्तावेज

Advertisement

पवन गुप्ता ने इस बात की भी तस्दीक की कि वो तिहाड़ में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल हुआ था. जेल का ये दावा गलत है कि वो सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेता था. कोर्ट ने कहा कि जब रिव्यू पर सुनवाई हो रही थी तो उस याचिका में ये सब क्यों नहीं बताया? आप हर बार एक दस्तावेज़ लेकर हाज़िर नहीं हो सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 जनवरी 2013 को ही निचली अदालत ने ये दावा खारिज कर दिया था कि घटना के वक्त पवन नाबालिग था. पवन के वकील ने कहा कि एपी सिंह ने कहा कि उस समय पवन के पास कोई वकील नही था. एपी सिंह ने कहा कि पवन को फेयर ट्रायल नहीं मिला.

Advertisement
Featured Video Of The Day
India Pakistan Tension: झूठा निकला Donald Trump का दावा, भारत बोला- ट्रेड पर बात ही नहीं हुई
Topics mentioned in this article