Nikita Murder Case: हरियाणा के बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड में फरीदाबाद कोर्ट ने दोषी तौसीफ और रिहान को उम्रकैद की सजा सुनाई है.तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को 24 मार्च को कोर्ट ने बरी कर दिया था. 26 अक्टूबर को निकिता की उसके कॉलेज के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था.
फ़रीदाबाद पुलिस ने बल्लभगढ़ (Ballabgarh) में हुए निकिता तोमर (Nikita Tomar) हत्याकांड में 6 नवंबर को चार्जशीट (ChargeSheet) दायर की थी. हत्याकांड के 11 दिन में चार्जशीट दाखिल की गई थी. 600 पेज की चार्जशीट में 60 के करीब गवाह थे. पुलिस ने CCTV में कैद वारदात में तौसीफ़, रेहान और पिस्तौल की आपूर्ति करने वाले अजरूद्दीन को आरोपी बनाया था. तौसीफ़ (Touseef) हत्या के इरादे से 26 अक्टूबर को निकिता के विद्यालय अग्रवाल कॉलेज पहुंचा था.
तौसीफ़ और रेहान (Rehan) ने एक दिन पहले भी अग्रवाल कॉलेज की रेकी भी की थी. तीनों ही आरोपियों पर हत्या, आपराधिक साज़िश, अपहरण और आर्म्स एक्ट की धारा लगी थीं. हत्या में इस्तेमाल पिस्टल और कार को भी पुलिस ने बरामद किया था. पिस्टल और कार पर मिले फ़िगरप्रिंट तौसीफ़ और रेहान के फ़िंगरप्रिंट से मिलान कर रहे थे.
पुलिस के मुताबिक, तौसीफ़ लगातार निकाता पर शादी करने का दबाव बनाता रहा था .2018 में उसने निकिता का अपहरण किया था और बाद में परिवार ने दबाव में समझौता कराया था.निकिता तौसीफ़ के फ़ोन नहीं उठाती थी, इससे वह बौखलाया हुआ था. निकिता का मृत्युपूर्व बयान (Dying declaration) भी है. निकिता ने अस्पताल में अपने भाई को बताया था कि उसे तौसीफ़ ने गोली मारी थी.प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के बाद तौसीफ की शिनाख्त भी की थी.
वारदात का CCTV फुटेज सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. बल्लभगढ़ में पंचायत भी हुई थी. प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-आगरा हाईवे जाम कर दिया था. बल्लभगढ़ में प्रदर्शनकारियों के एक धड़े ने पुलिस पर पथराव भी किया था. पत्थरबाजी में 10 पुलिस कर्मियों को चोटें आईं. उपद्रवियों के खिलाफ थाना शहर बल्लभगढ़ में मुकदमा दर्ज किया गया है. गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे.