भारत विरोधी साजिश मामले में UP, बिहार में NIA की ताबड़तोड़ छापेमारी, कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त

एनआईए ने 10 नवंबर 2023 को यूपी के बलिया में सीपीआई (माओवादी) के हथियारों और गोला-बारूद, आपत्तिजनक दस्तावेजों, साहित्य और किताबों की बरामदगी के बाद पांच लोगों की गिरफ्तारी से संबंधित मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी. 9 फरवरी 2024 को, एजेंसी ने मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

देश विरोधी साजिश मामले में प्रतिबंधित (माओवादी) संगठन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को उत्तर प्रदेश और बिहार में कई जगहों पर छापेमारी की. एनआईए की टीमों ने मूल रूप से एंटी टेरर स्क्वाड (एटीएस), यूपी द्वारा दर्ज मामले के संबंध में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में 11 स्थानों और बिहार के कैमूर जिले में एक स्थान पर आरोपियों और संदिग्ध व्यक्तियों के परिसरों पर छापा मारा. तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ प्रतिबंधित नक्सली संगठन के पर्चे जैसे आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए.

एनआईए ने 10 नवंबर 2023 को यूपी के बलिया में सीपीआई (माओवादी) के हथियारों और गोला-बारूद, आपत्तिजनक दस्तावेजों, साहित्य और किताबों की बरामदगी के बाद पांच लोगों की गिरफ्तारी से संबंधित मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी. 9 फरवरी 2024 को, एजेंसी ने मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था.

एनआईए की अब तक की जांच के अनुसार, प्रतिबंधित संगठन यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सहित उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो में अपनी उपस्थिति को फिर से सक्रिय करने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है. सीपीआई (माओवादी) के नेता, कैडर और सहानुभूति रखने वाले/ओवर ग्राउंड वर्कर इस क्षेत्र में संगठन की कमजोर होती उपस्थिति को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं. संगठन की नापाक योजनाओं को विफल करने के लिए एनआईए हाल के महीनों में आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रही है. फिलहाल मामले की जांच जारी है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें:- 
"असम में अब CAA कोई मुद्दा नहीं" : NDTV से बोले पूर्व मुख्‍यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
RSS Chief Mohan Bhagwat और BJP के अलग-अलग बयानों की पीछे की Politics क्या है?
Topics mentioned in this article