राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने ठाणे से जाली नोट जब्ती के मामले में मुंबई में छह स्थानों पर तलाशी ली और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की. एनआईए ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि जाली नोट बांटे जाने में प्रथम दृष्टया ‘डी कंपनी' की भूमिका साबित हुई है.
ठाणे पुलिस की अपराध शाखा ने नवंबर 2021 में 2.98 लाख रुपये मूल्य के जाली नोट जब्त किये थे.
‘डी-कंपनी' भगोड़े कुख्यात अपराधी और 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम से जुड़े गिरोह को कहा जाता है.
बयान के अनुसार, एनआईए की मुंबई शाखा के दल ने बुधवार को अनेक परिसरों पर छापे मारे थे जिनमें आरोपियों और संदिग्धों के घर और कार्यालय शामिल हैं.
बयान में कहा गया कि जब्त की गयी सामग्री में धारदार हथियार, डिजिटल उपकरण और दस्तावेज आदि शामिल हैं. इसमें कहा गया कि ये सामग्री जाली नोटों से जुड़े गिरोह से डी-कंपनी के सीधे तार जुड़े होने की बात साबित करने वाले एनआईए के पहले के निष्कर्षों की पुष्टि करती है.
मामला 2,000 रुपये मूल्य के जाली भारतीय नोटों की जब्ती से जुड़ा है.
एनआईए ने कहा कि महाराष्ट्र के ठाणे शहर में नौपाड़ा थाने में 18 नवंबर, 2021 को मूल रूप से दर्ज मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के संबंधित प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया.
आरोपियों की पहचान रियाज और नासिर के रूप में हुई थी. दोनों मुंबई के रहने वाले हैं और इस समय न्यायिक हिरासत में हैं.
ठाणे पुलिस ने तलाशी ली थी और आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. इस मामले में एनआईए ने जांच संभाली थी और सात फरवरी, 2023 को मामला पुन: दर्ज किया था.
बयान के अनुसार एनआईए ने मामले में अपनी जांच के तहत बुधवार को आरोपियों और संदिग्धों की अनेक संपत्तियों पर छापे मारे थे.