देश भर के टोल प्लाजा पर ट्रैफिक को सुगम बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने नई गाइडलाइंस (NHAI new toll plaza guidelines) जारी की हैं. देशभर में टोल नाकों पर गाड़ियों के लिए इंतजार का समय कम करने को लेकर टोल प्लाजों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. अथॉरिटी ने कहा है कि हर वाहन को 10 सेकेंड में सेवा दे दी जानी चाहिए. हाईवे पर ट्रैफिक के पीक ऑवर में भी यह समयसीमा अपनाई जानी चाहिए ताकि गाड़ियों को कतार में कम से कम समय इंतजार करना पड़े. नई गाइडलाइंस में यह भी शर्त है कि अगर गाड़ियों की कतार 100 मीटर से ज्यादा हो जाती है, तो आगे की गाड़ियों से बिना टोल लिए उन्हें जाने देना होगा, तब तक, जबतक कतार 100 मीटर के भीतर नहीं आ जाती है.
एनएचआईए ने बुधवार को एक बयान में कहा कि नए निर्देशों में टोल प्लाजा पर वाहनों की 100 मीटर से अधिक कतार नहीं लगने को लेकर यातायात के सुचारु प्रवाह को भी सुनिश्चित किया जाएगा. उसने कहा, ‘फ़ास्टैग के अनिवार्य किये जाने के बाद हालांकि ज्यादातर टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा समय बिल्कुल भी नहीं है. यदि टोल पर किसी कारण वाहनों की कतार 100 मीटर से अधिक होती है तो, उस स्थिति में सभी वाहनों को बिना टोल दिए जाने की अनुमति होगी जब तक टोल नाके से वाहनों की कतार वापस 100 मीटर के अंदर नहीं पहुंच जाती.'
एनएचआईए ने कहा कि सभी टोल नाकों पर 100 मीटर की दूरी का पता लगाने के लिए पीले रंग से एक लकीर बनाई जायेगी. यह कदम टोल प्लाजा ऑपरेटरों में जवाबदेही की एक और भावना पैदा करने के लिए है. एनएचआईए के अनुसार उसने फरवरी 2021 मध्य से 100 प्रतिशत कैशलेस टोलिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. एनएचएआई के टोल नाकों पर फास्टैग की उपलब्धता कुल मिलाकर 96 प्रतिशत और इनमें कईयों में तो 99 प्रतिशत तक पहुंच गई है.
उसने कहा, ‘देश में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से बढ़ते टोल संग्रह को ध्यान में रखते हुए अगले दस वर्षों के दौरान यातायात के अनुमान को ध्यान में रखते हुये टोल प्लाजों के आकार और निर्माण पर जोर दिया जाएगा ताकि टोल संग्रह प्रणाली को कुशल बनाया जा सके.'
एनएचआईए ने कहा कि कोविड-19 के कारण सामाजिक दूरी एक नया नियम बन गया है. फ़ास्टैग के बढ़ते इस्तेमाल से इसका पालन भी आसानी से किया जा रहा है जिससे टोल संचालक और वाहन यात्री संपर्क में भी नहीं आते.