NHAI ने 6000 किलोमीटर सड़क से कमाए 1 लाख 40 हज़ार करोड़ रुपये 

NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने बताया कि इस रणनीति से सरकार को बार-बार फंड की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और सड़कों की हालत भी बेहतर होगी.

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नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने टोल और दूसरी संपत्तियों के ज़रिए एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा की कमाई की. NHAI अब सड़कों पर ज्यादा से ज्यादा निजी निवेशकों को आकर्षित करना चाहता है. इसी वजह से एक खास योजना तैयार की है, जिसका नाम है-एसेट मोनेटाइजेशन रणनीति. इस योजना का मकसद है देश की बनी हुई सड़कों से कमाई करना और उन पैसों से नई सड़कों का निर्माण करना. साथ ही, इससे निजी कंपनियों को भी सड़क परियोजनाओं में निवेश करने का मौका मिलेगा.

सरल शब्दों में कहें तो NHAI अब उन सड़कों से पैसे कमाएगा, जो पहले से बनी हुई हैं और चल रही हैं. इस पैसे से वह नई सड़कें बनाएगा और पुरानी सड़कों की मरम्मत करेगा. NHAI ने कमाई के लिए तीन तरीके अपनाए हैं. ये हैं टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर. इसमें सरकार सड़कों को कुछ वर्षों के लिए निजी कंपनियों को चलाने देती है, जो टोल टैक्स वसूलते हैं और सरकार को एक तय रकम देते हैं.

इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के तहत आम लोग और कंपनियां सड़क परियोजनाओं में पैसा लगा सकते हैं और बदले में मुनाफा कमा सकते हैं. सिक्योरिटाइजेशन का मतलब है भविष्य में सड़कों से जो कमाई होगी, उसे आज के समय में निवेशकों से पैसा लेकर इस्तेमाल करना. इन तरीकों से NHAI अब तक 6,100 किलोमीटर की सड़कों से करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये की कमाई कर चुका है.

NHAI की योजना की तीन बड़ी बातें 

  • पहले से बनी सड़कों से ज़्यादा कमाई करना.
  • कामकाज में पूरी पारदर्शिता रखना ताकि निवेशकों को भरोसा हो.
  • ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को जोड़ना और बाजार को मजबूत बनाना.

NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने बताया कि इस रणनीति से सरकार को बार-बार फंड की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और सड़कों की हालत भी बेहतर होगी. इसके अलावा, तकनीक का बेहतर इस्तेमाल होगा और निजी कंपनियों को भी काम मिलेगा, जिससे नौकरियों के अवसर भी बढ़ेंगे.

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