- तपोवन क्षेत्र में 1800 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव था, जिनमें से कुछ 100 वर्ष से अधिक पुराने थे
- एनजीटी ने नासिक महापालिका को पेड़ों की कटाई से संबंधित पूरी रिपोर्ट तुरंत प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है
- सुप्रीम कोर्ट के वकील श्रीराम पिंगले ने तपोवन की वृक्ष कटाई के खिलाफ एनजीटी में याचिका दायर की थी
नासिक के तपोवन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के मामले में NGT ने बड़ा फैसला सुनाते हुए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. कुंभ के लिए 1800 पेड़ों को काटे जाने का प्रस्ताव था. NGT ने अपने आदेश में कहा है कि तपोवन क्षेत्र में एक भी पेड़ नहीं काटा जाना चाहिए. इसके साथ ही, प्राधिकरण ने नासिक महापालिका को पेड़ों की कटाई से संबंधित पूरी रिपोर्ट तत्काल प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
NGT कैसे पहुंचा मामला
सुप्रीम कोर्ट के वकील एडवोकेट श्रीराम पिंगले ने तपोवन में चल रही वृक्ष कटाई के खिलाफ NGT में याचिका दायर की थी. NGT ने इस याचिका का तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को ये आदेश जारी किए हैं. नासिक के तपोवन क्षेत्र में कुंभ मेले सिंहस्थ 2027 के लिए 'साधुग्राम' बनाने की योजना है, जिसके लिए लगभग 1800 पेड़ों को काटने का प्रस्ताव था, जिनमें से कुछ 100 साल से अधिक पुराने बताए गए थे.
राजनीति भी हो गई थी गरम
इस प्रस्ताव का व्यापक विरोध हुआ, जिसमें पर्यावरण प्रेमियों, कार्यकर्ताओं, और विपक्षी दलों जैसे उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की शिवसेना ने इसे 'पेड़ों की हत्या' बताते हुए विरोध किया था. महायुति में इसे लेकर मतभेद थे. प्रशासन ने ये आश्वासन दिया कि वे केवल वही पेड़ काटेंगे जो 10 साल से अधिक पुराने नहीं हैं और पुराने, देशी प्रजाति के पेड़ों को छोड़ दिया जाएगा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर अनावश्यक राजनीति न करने की बात कही थी, लेकिन NGT ने फिलहाल पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है.














