मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा है कि अगर राज्य में कोई भी व्यक्ति किसी भी नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्य का जबरन धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे कम से कम 2 से 10 साल तक की सजा हो सकती है और इसके साथ ही उसे कम से कम 50 हजार रूपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में आज (26 दिसंबर को) मध्य प्रदेश कैबिनेट ने एक विशेष बैठक में मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 (MP Freedom of Religion Bill 2020) को अपनी मंजूरी दे दी.
नरोत्तम मिश्र ने बताया कि MP Freedom of Religion Bill 2020 में किसी भी तरह के जबरन धर्म परिवर्तन पर 1 से 5 साल तक की कैद और 25,000 रुपये तक का न्यूनतम जुर्माना का प्रावधान किया गया है लेकिन खास वर्ग (नाबालिग, महिला व SC/ST के सदस्यों) के मामले में यह दोगुनी होगी. यानी ऐसे मामले में न्यूनतम सजा 2 से 10 साल और न्यूनतम जुर्माना 50 हजार रुपये होगी.
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नरोत्तम मिश्र ने बताया कि MP Freedom of Religion Bill 2020 में किसी भी तरह के जबरन धर्म परिवर्तन पर 1 से 5 साल तक की कैद और 25,000 रुपये तक का न्यूनतम जुर्माना का प्रावधान किया गया है लेकिन खास वर्ग (नाबालिग, महिला व SC/ST के सदस्यों) के मामले में यह दोगुनी होगी. यानी ऐसे मामले में न्यूनतम सजा 2 से 10 साल और न्यूनतम जुर्माना 50 हजार रुपये होगी.