गुजरात में वडोदरा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद रंजन भट्ट के अप्रत्याशित रूप से उम्मीदवारी की दौड़ से बाहर हो जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गुजरात में सबसे युवा उम्मीदवार हेमांग जोशी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि आगे क्या होने वाला है. जोशी और उनकी पत्नी जब होली पर एक संगीत कार्यक्रम में थे तो उस दौरान उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया. उन्हें तब जानकारी मिली कि भाजपा ने उन्हें वडोदरा लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार चुना है.
लोकसभा की 26 सीट वाले गुजरात में जोशी भाजपा के सबसे कम उम्र के उम्मीदवार हैं, जिनकी उम्र 33 साल है. जोशी ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वह 10 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतने का प्रयास कर रहे हैं, जो भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल द्वारा निर्धारित लक्ष्य है.
मीडिया मंच फॉक्स स्टोरी इंडिया द्वारा तैयार 40 वर्ष से कम उम्र के भारत के 40 युवा नेताओं की सूची में शामिल जोशी ने कहा कि अन्य सीट पर जीत का अंतर पांच लाख वोट का है, लेकिन पाटिल ने वडोदरा में इसे 10 लाख रखा है.
रंजन भट्ट ने 2014 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सीट छोड़े जाने के बाद वडोदरा उपचुनाव जीता था. वह 2019 में यहां से जीतीं और तीसरी बार के लिए तैयारी कर रही थीं, लेकिन स्थानीय भाजपा इकाई में आंतरिक कलह ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. पिछले महीने उन्होंने कहा था कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहतीं.
इसके एक दिन बाद पूर्व छात्र नेता जोशी को उम्मीदवार बनाया गया. उन्होंने कहा, 'जब तक मेरे नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई, मुझे एक भी फोन नहीं आया कि मुझे पार्टी का उम्मीदवार माना जा रहा है. मैं और मेरी पत्नी कामकाजी लोग हैं और हमें साथ में बाहर जाने का बहुत कम समय मिलता है. जब मेरे नाम की घोषणा की गई तो हम पूजा-अर्चना के बाद होली के दिन शहर की सुरसागर झील पर एक संगीत कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गए थे.''
जैसे ही नाम की घोषणा हुई, पार्टी के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व से समर्थन की पेशकश करने वाले कई फोन आए. उन्होंने कहा, 'मेरे जैसे व्यक्ति को इतना बड़ा चुनाव लड़ने का मौका देना और इसके लिए हर तरह का समर्थन देना मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है.'
हेमांग जोशी ने कहा कि उन्हें निर्वाचन क्षेत्र के युवा मतदाताओं के समर्थन पर भी भरोसा है. उन्होंने कहा, 'यह क्षेत्र गुजरात की शिक्षा राजधानी के रूप में उभरा है. हमारे पास एमएस विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय, खेल विश्वविद्यालय, गति शक्ति विश्वविद्यालय और दो लाख से अधिक छात्रों वाले कई शीर्ष शैक्षणिक संस्थान हैं। यहां 30-35 प्रतिशत मतदाता युवा हैं.' जोशी ने कहा कि वह 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए देश की युवा आबादी को एकजुट करने के मोदी सरकार के प्रयासों का का हिस्सा हैं. युवा नेता ने रेखांकित किया कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने 'संकल्प पत्र' (घोषणापत्र) जारी किया, तो उन्होंने कहा कि यह देश के युवाओं की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं का प्रतिबिंब है. दस लाख मतों के अंतर से जीत के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि वडोदरा परंपरागत रूप से भाजपा का गढ़ रहा है.
जोशी नगरपालिका प्राथमिक विद्यालय बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं और एक समय वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य के रूप में महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के छात्र संघ के महासचिव थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से शिक्षा में 'नेतृत्व' संबंधी पाठ्यक्रम की पढ़ाई की है और अब 'नेतृत्व' विषय में पीएचडी कर रहे हैं. उनकी पत्नी एक मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर हैं.