नेपाल हिंसा: आग की लपटों में घिरा था होटल, चादर के सहारे उतरने में गिरी गाजियाबाद की महिला, दर्दनाक मौत

Nepal Violence: मृतका राजेश देवी के बड़े बेटे विशाल ने पत्रकारों को बताया कि उनके माता-पिता 8 सितंबर को पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा करने के बाद बहुत खुश थे. लेकिन यह धार्मिक यात्रा मातम में बदल गई.

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रामवीर सिंह गोला और उनकी पत्नी राजेश देवी पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए काठमांडू गए थे
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  • गाजियाबाद के ट्रांसपोर्टर रामवीर सिंह गोला, उनकी पत्नी राजेश देवी नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर दर्शन के लिए गए थे.
  • नेपाल में हिंसा के दौरान जिस होटल में वे रुके थे, वहां उपद्रवियों ने आग लगा दी.
  • रामवीर और राजेश देवी ने चौथी मंजिल से कूदकर बचने की कोशिश की, इसमें राजेश देवी की मौत हो गई.
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नेपाल में आंदोलन के साथ मची अराजकता का दर्द गाजियाबाद का एक परिवार झेल रहा है. नेपाल हिंसा में गाजियाबाद के ट्रांसपोर्टर की पत्नी की दुखद मौत हो गई है. दरअसल गाजियाबाद के ट्रांसपोर्टर रामवीर सिंह गोला और उनकी पत्नी राजेश देवी पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए काठमांडू गए थे. लेकिन नेपाल में हुए बवाल के दौरान जिस होटल में वे दोनों रुके थे, वहां उपद्रवियों ने आग लगा दी.

धुएं और आग की लपटों के कारण होटल से बचकर भागने के रास्ते बंद हो गए थे. वहां पहुंचे बचाव दल ने इमारत के नीचे गद्दे बिछाए और फंसे हुए तमाम लोगों से कूदने का आग्रह किया. रामवीर और राजेश देवी ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी. रामवीर तो मामूली चोटों के साथ बच गए,लेकिन उनकी पत्नी को रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आईं. उसे काठमांडू के एक हॉस्पिटल में उन्हे भर्ती कराया गया था, लेकिन 10 सितंबर की रात को उनकी मौत हो गई.

परिवार ने बताया क्या हुआ

राजेश देवी के बड़े बेटे विशाल ने पत्रकारों को बताया कि उनके माता-पिता 8 सितंबर को पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा करने के बाद बहुत खुश थे. उन्होंने कहा, "उन्होंने काठमांडू दिखाने के लिए हमें वीडियो कॉल भी किया था. लेकिन 9 सितंबर की रात को हिंसा फैल गई. भीड़ ने होटल पर धावा बोल दिया और आग लगा दी. सीढ़ियां धुएं से भर गईं तो मेरे पिता ने खिड़की का शीशा तोड़ दिया. दोनों का कमरा चौथी मंजिल पर था. पिता ने चादरों को आपस में बांधा और होटल के नीचे लगाए गद्दे पर कूद गए. लेकिन मेरी मां नीचे उतरने की कोशिश करते समय फिसल गईं और उनकी पीठ पर जोर से गिर गईं."

परिजनों का आरोप है कि आर्मी वाले राजेश देवी को अपनी गाड़ी में बैठाकर हॉस्पिटल ले गए लेकिन रामवीर सिंह गोला की बार-बार अपील के बावजूद उन्हें घायल पत्नी के साथ नहीं बैठाया. 2-3 घंटे की खोज के बाद रामवीर सिंह को वो हॉस्पिटल मिला जहां उनकी पत्नी एडमिट थीं. वहां जाकर पता चला कि अब वो इस दुनिया में नहीं हैं. उनकी मौत हो चुकी है.

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