Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में लगी आग का क्या भारत पर भी असर? विशेषज्ञ से समझिए

भारत के पड़ोस में नेपाल से पहले श्रीलंका में आर्थिक संकट हुआ, फिर बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर आया. अब नेपाल में राजनीतिक संकट की वजह से दक्षिण एशिया में विदेश नीति के मोर्चे पर चुनौंतियां बड़ी हो गई हैं.

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  • नेपाल में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं जिनमें संसद भवन, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के आवास को आग के हवाले किया गया
  • नेपाल में बार-बार सत्ता परिवर्तन के कारण राजनीतिक अस्थिरता बढी, जो विदेश नीति के लिए चुनौती बन रही है
  • नेपाल में राजनीतिक संकट के कारण नेपाली नागरिकों का भारत में माइग्रेशन बढ़ने की संभावना
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Nepal Gen-Z Protest: भारत का पड़ोसी देश नेपाल प्रदर्शन की आग में झुलस रहा है. नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं और लोगों ने संसद भवन से लेकर पीएम और राष्ट्रपति के घर को आग के हवाले कर दिया है. पूरे देश में अफरा तफरी का माहौल है और अराजकता फैली हुई है. Gen Z के आंदोलन से नेपाल बुरी तरह हिल गया है. यहां पर ऐसी राजनीतिक उथल-पुथल पहले शायद ही कभी देखी गई हो. यह बहस सोशल मीडिया से शुरू हुई थी, जो देखते ही देखते सड़कों पर क्रांति में तब्दील हो गई.

नेपाल में बार-बार सत्ता परिवर्तन से राजनीतिक अस्थिरता का माहौल

नेपाल में बढ़ती राजनीतिक अनिश्चिताओं की वजह से विदेश नीति, आर्थिक और सुरक्षा के मोर्चे पर भारत के सामने चुनौतियां बड़ी हो रही हैं. जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ डॉ. राजन ने नेपाल मामले पर एनडीटीवी से बातचीत की. उन्होंने कहा, "नेपाल में 2008 में कांस्टीट्यूशनल मोनार्की खत्म होने के बाद यह 14वां सत्ता परिवर्तन है. 2015 के बाद कई बार सत्ता परिवर्तन होने की वजह से वहां राजनीतिक अस्थिरता का संकट बढ़ता जा रहा है."

भारत में बढ़ सकता है नेपाल के लोगों का माइग्रेशन

भारत के लिए समस्याओं पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "भारत का नेपाल के साथ एक लंबा बॉर्डर है, जहां ज्यादा कोई रोक-टोक नहीं है. कभी भी कोई भी आ जा सकता है. ऐसे में राजनीतिक संकट की वजह से भारत में नेपाली नागरिकों का माइग्रेशन बढ़ सकता है. पहले से ही लाखों नेपाली मूल के नागरिक भारत में टेंपरेरी या परमानेंट रोजगार कर रहे हैं.

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नेपाल की अर्थव्यवस्था में रेमिटेंस का हिस्सा बड़ा

चीन के मामले पर उन्होंने कहा, चीन का हस्तक्षेप नेपाल के आंतरिक मामलों में काफी ज्यादा बढ़ चुका है. नेपाली अर्थव्यवस्था में रेमिटेंस की महत्वपूर्ण भूमिका है. यानी नेपाल के लोग दूसरे देश में नौकरी करके पैसा अपने घर भेजते हैं. करीब 42 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का 26% हिस्सा रेमिटेंस से आता है.

श्रीलंका, बांग्लादेश अब नेपाल में विदेश नीति की चुनौंतियां 

भारत के पड़ोस में नेपाल से पहले श्रीलंका में आर्थिक संकट हुआ, फिर बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का दौर आया. अब नेपाल में राजनीतिक संकट की वजह से दक्षिण एशिया में विदेश नीति के मोर्चे पर चुनौंतियां बड़ी हो गई हैं. समस्या ज्यादा बड़ी ना हो इसके लिए भारत को नेपाल के हर महत्वपूर्ण राजनीतिक स्टेकहोल्डर के साथ इंगेजमेंट बढ़ाना चाहिए.

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