संजीव मुखिया,अतुल वत्स, रवि अत्रि: NEET पेपर लीक मामले में यूपी-बिहार वाला गिरोह कौन है?

NEET पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस को ऐसे कई सबूत हाथ लगे हैं जिससे ये साबित होता है कि सॉल्वर गैंग का जाल कई अन्य राज्यों तक फैला हुआ है. पुलिस को अभी भी इस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश है.

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NEET पेपर लीक को लेकर बिहार पुलिस की जांच कई अन्य राज्यों तक भी पहुंची
नई दिल्ली:

NEET पेपर लीक मामले की जांच का दायरा अब दूसरे राज्यों तक भी फैलता दिख रहा है. इस मामले में हर बीतते दिन के साथ सॉल्वर गैंग के कई 'मुन्नाभाइयों' का नाम सामने आ रहा है. कल तक खबर आ रही थी कि बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) इस मामले में अतुल और अंशुल की तलाश में है. बिहार पुलिस के अनुसार इन दोनों का भी पेपर लीक मामले में सीधा कनेक्शन है. पुलिस इन दोनों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. वहीं, अब इस मामले में संजीव मुखिया का नाम भी सामने आया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार संजीव मुखिया NEET पेपर लीक मामले की प्रमुख कड़ी है. सूत्रों के अनुसार पुलिस संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के लिए उसके संभावित ठिकानों पर छापेमारी भी कर रही है. 

इधर, पुलिस संजीव को गिरफ्तार करने की कोशिशों में जुटी है वहीं दूसरी तरफ संजीव ने कोर्ट में अपनी अग्रिम जमानत के लिए याचिका भी दाखिल कर दी है. इस याचिका पर 25 जून को सुनवाई होनी है. इन सब के बीच बिहार पुलिस इस मामले की जांच में अभी तक जितने भी सबूत मिले हैं उसे दिल्ली को सौंपने वाले हैं. बिहार पुलिस इस मामले में जितने अभ्यार्थी गिरफ्तार हुए थे उनके बयानों की प्रति भी दिल्ली भेजने की तैयारी मे है.

दूसरे राज्यों में सक्रिय गिरोह से भी जुड़े हो सकते हैं तार

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू इस मामले की परत दर परत जांच करने में जुटी है. इसका एक मकसद ये है कि इस रैकेट की तह तक पहुंचा जा सके. पुलिस उस लिंक का भी पता लगाने में जुटी है जिसके तहत NEET का पेपर सॉल्वर गैंग तक पहुंचा था. आपको बता दें कि पेपर लीक मामले में अत्री गिरोह का भी नाम कुछ दिन पहले सामने आया था. सूत्रों के अनुसार अत्री गिरोह के सदस्यों ने बिहार में सिकंदर और संजीव को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए थे. 

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मेरठ की जेल में बंद है रवि अत्री

अत्री गिरोह के रवि अत्री का नाम पहले भी कई परीक्षा के पेपर लीक को लेकर सामने आ चुका है. वो फिलहाल ऐसे ही एक मामले में मेरठ की जेल अपनी सजा काट रहा है. उसपर आरोप है कि उसने उत्तर प्रदेश में कुछ समय पहले हुए कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का भी पेपर लीक करवाया था. पुलिस को संदेह है कि अत्री गिरोह ने ही इस बार भी पेपर लीक किया है और परीक्षा से ठीक एक दिन पहले इन प्रश्न पत्रों को सॉल्वर गैंग तक पहुंचाया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपियों ने झारखंड के रास्ते बिहार तक ये प्रश्न पत्र पहुंचाए थे. 

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संजीव मुखिया का बेटा भी कर चुका है पेपर लीक

सूत्रों के अनुसार NEET पेपर लीक मामले में फंसा संजीव मुखिया अपने परिवार से अकेला ऐसा इंसान नहीं जिसका आपराधिक पृष्टभूमि रही हो. मिल रही जानकारी के अनुसार संजीव का बेटा भी बीपीएससी द्वारा लिए गए शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण की परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले का मास्टर माइंड बताया जाता है. इस मामले में संजीव के बेटे की भी गिरफ्तारी हो चुकी है. 

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कांस्टेबल भर्ती परीक्षा से लेकर शिक्षक भर्ती परीक्षा तक फैला है जाल

पुलिस की अभी तक की जांच में जितनी भी जानकारी निकलकर बाहर आ रही है उससे ये तो साफ है कि NEET पेपर लीक मामले में जो गिरोह सक्रिय है उसके तार कई अन्य राज्यों में सक्रिय गिरोह से भी जुड़े हैं. चाहे बात अत्री गैंग की हो या फिर संजीव मुखिया गिरोह की. ये सभी आपस में कनेक्टेड हैं. अत्री गिरोह पर  उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा को लीक करने का आरोप है, वहीं संजीव मुखिया अपने गुर्गों के साथ मिलकर बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा से लेकर कई अन्य परीक्षा के पेपर को लीक करने में शामिल रहा है. 

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नेपाल में छिपा हो सकता है संजीव 

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सॉल्वर गैंग का सदस्य संजीव के नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि वह बीते कुछ दिनों से नेपाल में ही कहीं छिपा है. आपको बता दें कि नेपाल भारत से सटा एक दूसरा देश है, ऐसे में अगर कोई अपराधी वहां गिरफ्तार किया जाता है तो उसे भारत लेकर आने का नियम अलग हैं. जिसमें कई बार लंबा समय भी लग सकता है. 
 

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