NEET परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बाद से इस पर बवाल मचा है. वजह है छात्रों को इस परीक्षा में मिले अंक. पिछले साल के दो छात्रों की तुलना में इस साल 720 अंक हासिल करने वाले छात्रों की कुल संख्या 67 है. ऐसे में NEET UG परीक्षा 2024 का पेपर लीक होने और परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी जैसे आरोप लगाए जाने लगे. इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई. नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने देश की सबसे बड़ी अदालत को बताया कि उसने समय की बर्बादी पर दिए गए ग्रेस मार्क को खत्म कर दिया है. अब1563 छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा. कोर्ट ने इस पर अपनी सहमति दे दी. अब जो बच्चे दोबारा परीक्षा नहीं देंगे, उनकी रैकिंग ग्रेस मार्क्स काटकर तय होगी. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई से पहले NTA ने छात्रों के आरोपों पर अपनी बात रखी थी. आइए समझते हैं छात्रों के सवाल क्या हैं और NTA की सफाई क्या है...
NTA ने 718 और 719 नंबर दिए जाने पर छात्रों को दिया जवाब
- आपको बता दें कि जब NEET का परिणाम आया तो ज्यादातर छात्रों का ये आरोप था कि इस परीक्षा में किसी भी छात्र को 718 या 719 नंबर नहीं आ सकते हैं. छात्रों के इस सवाल पर NTA ने कहा कि ऐसा संभव है. और ये इसलिए संभव है क्योंकि ग्रेस मार्क्स का प्रावधान है. आपको बता दें कि इस बार दो छात्रों को 718 और 719 अंक हासिल हुए हैं.
छात्र ये जानना चाहते थे कि आखिर इस परीक्षा के दौरान कितने उम्मीदवारों को दिए गए हैं ग्रेस मार्क्स ?
- NTA ने इसे लेकर भी अपनी स्थिति साफ की है. NTA ने कहा कि इस बार सिर्फ 1563 उम्मीदवारों को ही ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि परीक्षा शुरू होने में देरी हो गई थी.
- लॉस ऑफ टाइम की वजह से इन कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. साथ ही जिन 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिले हैं. उनमें से 44 उम्मीदवारों ने फिजिक्स के पेपर को रिविजन के लिए दिया हुआ था. जबकि छह को समय बर्बाद होने की वजह से अतिरिक्त अंक दिए गए थे. कई छात्रों के अंकों में रिविजन किए जाने की वजह से बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
क्या शीर्ष 100 छात्रों का वितरण एक विशेष क्षेत्र या शहर में केंद्रित है ?
- इसके जवाब में NTA ने बताया कि टॉप 100 छात्रों को 17 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के 55 शहरों के कुल 89 केंद्रों पर लोकेट किया गया है.
सवाई माधोपुर, राजस्थान के सेंटर पर उस दिन क्या हुआ था ?
- NTA ने बताया कि सेंटर सुपरिटेंडेंट ने गलती से हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों के लिए प्रश्न पत्र अंग्रेजी माध्यम की परीक्षा देने वालों को वितरित कर दिया था. और कहीं कहीं इसका उलट भी हुआ.
- प्रश्नपत्र की प्रतियां शाम करीब 4.25 बजे सोशल मीडिया पर अपलोड की गईं, जिससे यह धारणा बनी कि पेपर लीक हो गया है.
क्या बिहार और गोधरा में पेपर लीक हुआ था ?
- NTA ने इसपर कहा कि इन जगहों पर परीक्षा के दौरान कुछ मामले नकल करने से संबंधित हो सकते हैं. लेकिन ऐसा कहना कि वहां पेपर लीक हुआ है, ये पूरी तरह से गलत है.
इस साल इतने छात्रों को एक साथ 720 अंक कैसे आ गए ?
- छात्रों के इस सवाल पर NTA ने कहा कि ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि बीते कुछ वर्षों की तुलना में इस बार उम्मीदवारों की संख्या भी काफी ज्यादा थी. लिहाजा, पास होने वाले और 720 अंक हासिल करने वालों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला है.
कई ऐसे मामले भी आए जहां पेपर सॉल्वर गिरोह ने उम्मीदवारों से लाखों रुपये लेकर उनकी जगह पर परीक्षा दी ?
- NTA ने ऐसा करने के वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. कई जगह पर राज्य की पुलिस ने ऐसे अपराधियों के खिलाफ FIR की है.
आखिर किस वजह से तय तारीख से पहले परीक्षा परिणाम क्यों घोषित किए गए ?
- NTA ने कहा कि NEET-UG 2024 के साथ-साथ NTA द्वारा आयोजित किए जाने वाले सभी परीक्षाओं का परिणाम आंसर की चैलेंज पीरियड के बाद ही घोषित किया गया है.
- परिणाम को दूसरे जगह होने वाली काउंसलिंग और एडमिशन प्रोसेस को ध्यान में रखकर ही पहले घोषित किया गया है.
गलत परिणाम जारी करने को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं उसपर क्या कहेंगे ?
- NTA को इस बात की जानकारी है कि ऐसे कुछ मामले हैं जहां उम्मीदवारों ने अपने स्कोरकार्ड और ओएमआर शीट को गलत तरीके से दिखाते हुए ये दावा किया है कि NTA ने ही गलत परिणाम घोषित किए हैं.
कई वायरल वीडियो में ऐसा दावा किया गया है कि अंक देने में भेदभाव किया गया है, परिणाम ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है और साथ ही उन्हें फटे हुए OMR आंसर शीट मेल के माध्यम से भेजे गए हैं ?
- NTA ने किसी भी उम्मीदवार को मेल के माध्यम से कोई फटा हुआ OMR आंसर शीट नहीं भेजे हैं.
- जिन उम्मीदवारों ने दावा किया है कि इस परीक्षा में उन्हें 715 अंक मिले हैं, वो गलत हैं. उन्हें वास्तव में सिर्फ 335 ही हासिल हुए हैं.
- परीक्षा परिणाम ऑनलाइन उपलब्ध है.