शिवसेना नेता संजय राउत (Shiv Sena leader Sanjay Raut) ने रविवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) को पुनर्गठित करने की जरूरत है और नए गठबंधन का नेतृत्व शरद पवार (Sharad Pawar) जैसे वरिष्ठ नेता को करना चाहिए क्योंकि कई क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस के नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार नहीं है. राउत ने कहा कि इस गठबंधन का भविष्य कांग्रेस के बलिदान और उदारता पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि देश में अब कोई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) नहीं है क्योंकि उसके सहयोगी अलग हो गए हैं. राउत ने कहा कि इसी प्रकार संप्रग (यूपीए) का कोई अस्तित्व नहीं दिख रहा क्योंकि इसमें बहुत कम पार्टियां रह गई हैं.
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औरंगाबाद में एक पूर्व पार्षद द्वारा आयोजित ‘जयभीम महोत्सव' में राउत ने कहा, “राजग (एनडीए) के सहयोगी अलग हो चुके हैं और अब ऐसा कोई गठबंधन नहीं है. उसी प्रकार संप्रग के साथ बहुत कम पार्टियां हैं. कई क्षेत्रीय पार्टियां संप्रग (यूपीए) में कांग्रेस के नेतृत्व में काम करने को तैयार नहीं हैं. इसलिए वर्तमान सरकार के विरुद्ध एक समूह खड़ा करने के लिए संप्रग को फिर से गठित करने की जरूरत है.” उन्होंने कहा, “ऐसे नए गठबंधन का नेतृत्व शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता को करना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो भविष्य में और पार्टियां गठबंधन में शामिल हो सकती हैं. लेकिन कांग्रेस की सहमति के बिना यह संभव नहीं है. (पुनर्गठित) गठबंधन का भविष्य कांग्रेस के बलिदान और उदारता पर निर्भर करेगा.”
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