केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि मादक पदार्थों तथा हथियारों की तस्करी और घुसपैठ को रोका जा सके. यहां केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) में कार्यरत भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों के ‘‘चिंतन शिविर'' की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा कि सीएपीएफ को ड्रोन तकनीक और ड्रोन रोधी उपायों पर काम करने के लिए एक समर्पित दल का गठन करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा स्थानीय कानून लागू करने वाली एजेंसियों और जिले के प्रशासन के समन्वय से ही सुनिश्चित की जा सकती है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, गृहमंत्री ने मादक पदार्थों तथा हथियारों की तस्करी और घुसपैठ रोकने के लिए सीमा पर अत्यधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया.
उन्होंने कहा कि सीएपीएफ कर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा और सतर्कता के कारण देश के आम नागरिक सुरक्षित महसूस करते हैं और चैन की नींद सोते हैं. गृहमंत्री ने कहा कि एक तरफ पुलिस प्रशासन और सशस्त्र पुलिस बलों से आम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की उम्मीद की जाती है. दूसरी तरफ सरकार पर्याप्त सुविधाएं प्रदान कर पुलिस और सीएपीएफ कर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण को भी सुनिश्चित करती है, ताकि वे अपने कर्तव्यों को सुचारू रूप से निभा सकें.
शाह ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए अच्छी कानून व्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण है और यह मजबूत पुलिस प्रशासन के माध्यम से ही सुनिश्चित की जा सकती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने हमेशा पुलिस प्रशासन को मजबूत करने और उसे जनोन्मुखी बनाने का प्रयास किया है, ताकि वह आम लोगों की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरे.
उन्होंने आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने में सीएपीएफ की भूमिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर सीमावर्ती गांव और उसके निवासियों से संपर्क और संवाद बहुत जरूरी है. शाह ने कहा कि आईपीएस अधिकारियों को जवानों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखने चाहिए.
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