केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने गुरुवार को कहा कि विकलांग (disabled) लोगों को समायोजित करने के लिए स्थायी और सार्वभौमिक रूप से सुलभ स्थान बनाने तथा नीतिगत समाधान खोजने की जरूरत है. आवास और शहरी मामलों के मंत्री ने कहा कि जिन लोगों को सहायक तकनीक की आवश्यकता है, उनमें से लगभग 70 प्रतिशत के पास ऐसी सुविधा नहीं है और नवोन्मेषकों को ऐसे समाधान लाने चाहिए जो सरल और व्यापक रूप से स्वीकृत हों. वह यहां ‘स्मार्ट समाधान चुनौती और समावेशी शहर पुरस्कार 2022' कार्यक्रम में बोल रहे थे.
शहरी मामलों के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईयूए) और संयुक्त राष्ट्र ने भारत में दिव्यांगों, महिलाओं, लड़कियों और बुजुर्गों के सामने आने वाली शहरी स्तर पर सुलभता तथा समावेशन से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए इन पुरस्कारों की शुरुआत की है. पुरी ने 2011 की जनगणना के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भारत में लगभग 2.68 करोड़ दिव्यांग रहते हैं. उन्होंने कहा, 'हमें नीतिगत समाधान खोजने चाहिए और बुनियादी ढांचे का निर्माण करना चाहिए जिसकी दिव्यांग लोगों को जरूरत है और हम इसी के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह अनुमान है कि लगभग 70 प्रतिशत लोगों जिन्हें सहायक प्रौद्योगिकी की आवश्यकता है उनकी इस तक पहुंच नहीं है. इसका मतलब है कि दिव्यांग व्यक्ति केवल आवश्यक संसाधनों तक पहुंच प्राप्त करने के लिए लगातार जूझ रहे हैं.'