प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल का सबसे बड़ा विस्तार किया है. नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत 43 नए मंत्रियों ने शपथ ली है. अब मोदी सरकार में प्रधानमंत्री समेत मंत्रियों की तादाद 78 हो गई है, जबकि पहले ये तादाद 42 थी. इनमें से 15 कैबिनेट मंत्री हैं, 6 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और बाक़ी 22 राज्य मंत्री हैं. इस फेरबदल को लेकर सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने भी सवाल उठाए हैं. अखिलेश ने ट्वीट किया है कि इतनी बड़ी संख्या में मंत्री या मंत्रालय बदलने से भाजपा सरकार ने खुद स्वीकार कर लिया है कि वो हर क्षेत्र में नाकाम रही है. ज़रूरत केवल डिब्बे नहीं पूरी ट्रेन को बदलने की है. भाजपा ने सरकार चलाने का नैतिक अधिकार खो दिया है. देश-प्रदेश में बदलाव की लहर है.
बता दें कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने विभागों का बंटवारा भी कर दिया. मनसुख मांडविया को स्वास्थ्य मंत्रालय तो वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिला है. धर्मेंद्र प्रधान को मानव संसाधन मंत्रालय और प्रमोशन के साथ अनुराग ठाकुर को खेल और सूचना प्रसारण मंत्रालय दिया गया है. नया बना सहकारिता मंत्रालय अमित शाह के पास है. किरन रिजीजू को नया कानून मंत्री बनाया गया है. हरदीप पुरी को शहरी विकास के साथ अब पेट्रोलियम की भी कमान दी गई है.
अश्विनी वैष्णव को रेल और आईटी मंत्री बनाया गया है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का जिम्मा स्मृति ईरानी को दिया गया है. पीयूष गोयल को कपड़ा और खाद्य और उपभोक्ता मामलों को दिया गया है.धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा और कौशल मंत्रालय दिया है.मीनाक्षी लेखी को विदेश मंत्रालय (राज्यमंत्री) और संस्कृति विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. पुरुषोत्तम रुपाला को डेयरी और मत्स्य पालन दिया गया है. गिरिराज सिंह को ग्रामीण विकास मंत्रालय दिया गया है. कैबिनेट में नए चेहरों की एंट्री से पहले बारह पुराने चेहरों की छुट्टी हो गई है. रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर, डॉ हर्षवर्धन, रमेश पोखरियाल निशंक, संतोष गंगवार और बाबुल सुप्रियो पर गाज गिर गई है.