जानलेवा स्पीड ब्रेकर पर लगाओ ब्रेक: NDTV की विशेष मुहिम से जुड़ें, 7303388311 पर भेजें अपना VIDEO

सरकार ने माना था कि यह समस्या पूरे देश में है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वो राज्य सरकारों के लिखेंगे कि वे सुनिश्चित करें कि स्पीड ब्रेकर बनाते समय नियमों का पालन हो.

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नई दिल्ली:

सड़क पर स्पीड ब्रेकर्स (Speed breakers) इसलिए बनाये जाते हैं ताकि इंसान को तेज रफ़्तार गाड़ियों से होने वाले हादसों से बचाया जा सके.हालांकि, आजकल मानकों के विपरीत बने ये स्पीड ब्रेकर ही दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं. एनडीटीवी की तरफ से एक मुहिम की शुरुआत हुई है.  जिसके तहत हम जनता के साथ मिलकर उन अवैध स्पीड ब्रेकर्स को दिखाएंगे जो स्पीड पर ब्रेक लगाने की जगह जिंदगी पर ब्रेक लगा रही है. कई बार ये इतने ऊंचे होते हैं कि अगर आपने अपनी गाड़ी की स्पीड कम नहीं की तो आप दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं. शायद ही कोई होगा, जिसने इन स्पीड ब्रेकरों पर जानलेवा झटके नहीं खाए होंगे. रफ्तार पर लगाम जरूरी है, लेकिन उससे भी जरूरी है कि इसके लिए जो स्पीड ब्रेकर बनाए जा रहे हैं, वे नियम से बनें और हादसों की वजह न बन जाएं. 

हमारे इस मुहिम से आप भी जुड़ सकते हैं. आप गलत तरीके से बने स्पीड ब्रेकर की तस्वीर और वीडियो हमें डायरेक्ट  7303388311 इस नंबर पर भेज सकते हैं. 

स्पीडब्रेकर कैंपेन UPDATE

गुरु तेग बहादुर कॉलेज, नॉर्थ कैंपस, दिल्ली यूनिवर्सिटी

कॉलेज के बाहर की ज़ेबरा क्रॉसिंग की पट्टियां मिटने के कगार पर है, तो वहीं स्पीड ब्रेकर के दोनों तरफ मौजूद रहने वाले सफेद पट्टियां पूरी तरह से गायब हो चुकी हैं. गुजरने वाले वाहन चालक बताते हैं की पट्टियों की गैर-मौजूदगी की वजह से अक्सर स्पीड ब्रेकर अचानक सामने आने से वह चौंक जाते हैं. चालकों ने मांग की कि तुरंत सफेद पट्टियां लगाई जानी चाहिए. 

बेनितो हुआरेज मार्ग, साउथ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय 

दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस के एंट्री गेट के ठीक बाहर दोनों सड़कों पर दो ज़ेबरा क्रॉसिंग बनाए गए हैं और दोनों के पास एक-एक स्पीड ब्रेकर। हालांकि समस्या यह है कि दोनों स्पीड ब्रेकर लगभग अदृश्य हैं. यह स्पीड ब्रेकर तब तक अदृश्य रहते हैं जब तक वाहन उनके ऊपर से न गुजरे और झटका महसूस न हो.

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क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें?
केंद्र सरकार ने संसद में 21 जुलाई 2017 को बताया था कि देश में स्पीड ब्रेकर की वजह से होने वाले हादसों में रोजाना नौ लोगों की जान चली जाती है और 30 लोग घायल हो जाते हैं. इसे अगर साल के हिसाब से देखें तो हर साल 1104 लोगों की जान स्पीड ब्रेकर से होने वाले हादसों में जाती है और करीब 11 हजार लोग इन हादसों में घायल हो जाते हैं. सरकार की ओर से पेश आंकड़ों के मुताबिक 2015 में हाइवे पर 11 हजार 84 हादसे स्पीड ब्रेकर की वजह से हुए. इन हादसों में तीन हजार 409 लोगों की जान चली गई और नौ हजार 764 लोग जख्मी हो गए. भारत में सबसे अधिक दिक्कत उन स्पीड ब्रेकर से है, जो अनमार्क है या जिन्हें बिना किसी मानक के ऐसे ही तैयार कर लिया गया है.

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