माओवादी आतंक को कैसे बढ़ावा देते थे अर्बन नक्सल, NDTV वर्ल्ड समिट में पीएम मोदी ने बताई पूरी कहानी

NDTV World Summit 2025: पीएम मोदी ने कहा कि बीते 50-55 सालों में इस आतंक की वजह से हजारों लोग मारे गए, कितने ही सुरक्षाकर्मी माओवादी आंतक का शिकार बने. ये नक्सली ये माओवादी आतंकी स्कूल तक नहीं बनने देते थे.

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पीएम मोदी ने माओवाद और अर्बन नक्सल का किया जिक्र
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  • पीएम मोदी ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में कहा कि माओवाद वर्तमान में केवल कुछ जिलों में सीमत हो चुका है
  • पीएम मोदी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में हजारों नक्सलियों ने हथियार डालकर शांति की ओर कदम बढ़ाया है
  • पीएम मोदी ने अर्बन नक्सलों का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में उनका एक मजबूत ईको सिस्टम था
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NDTV World Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में हिस्सा लिया. इस समिट में पीएम मोदी ने माओवाद और अर्बन नक्सलियों का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज माओवाद सिर्फ 11 जिलों में सिमट चुके हैं, जिनमें से तीन जिले ही सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. बीते कुछ सालों में हजारों नक्सलियों ने हथियार डाले हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एक दौर था जब अर्बन नक्सल इस माओवाद को बढ़ावा देते थे. उन्होंने कहा कि आज के भारत में ये सारे गलत रास्ते पर गए लोग भारत के संविधान को गले लगाने के लिए तैयार हुए हैं. 

अर्बन नक्सलों का था ईको सिस्टम

पीएम मोदी ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में कहा कि वो आज अर्बन नक्सल और माओवाद की कहानी बताने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ये विषय नक्सलवाद का है मैं समझता हूं नक्सलवाद शब्द ऐसे ही लोगों ने अटका दिया है ये माओवादी आतंकी कथा मैं आज सुनाना चाहता हूं. कांग्रेस के शासन में जो अर्बन नक्सलों का जो ईको सिस्टम है वो कुछ ऐसे हावी थे, आज भी हैं. माओवादी आतंक का कोई भी घटना देश के लोगों तक नहीं पहुंचे उसके लिए वो बहुत कुछ करते रहते थे, हमारे देश में आतंकवाद की जितनी चर्चा होती थी, आर्टिकल 370 पर डिबेट होती थी, लेकिन हमारे शहरों में कांग्रेस के राज में पनपे अर्बन नक्सली बैठे थे, जो ऐसी सूचना पर कब्जा जमाकर बैठे ते जो माओवादी आतंक पर कब्जा जमाए हुए थे.

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पीएम मोदी ने आगे कहा, अभी कुछ दिन पहले माओवाद आतंक के कई पीड़ित दिल्ली आए, किसी की टांग नहीं, थी हाथ नहीं था ये माओवाद आतंकवाद के शिकार लोग थे. दिल्ली में आए सात दिन रहे, हाथ पैर जोड़कर कह रहे थे, लेकिन जो ये माओवाद आतंक के ठेकेदार बैठे हैं न उन्होंने जुर्म के दर्द के शिकार कथा नहीं पहुंचेने दी. कांग्रेस के इको सिस्टम ने इसकी चर्चा नहीं होने दी. 

नहीं मानते थे संविधान

पीएम मोदी ने कहा कि देश के कई राज्य माओवाद आंतक से पीड़ित थे, बाकी देश में संविधान लागू था, लेकिन रेड कॉरिडोर में नहीं था. जो माते पर संविधान की किताब लेकर चलते हैं वो आज भी माओवाद की रक्षा के लिए दिन रात लगा देते हैं. रेड कॉरिडोर में कोई मान्यता नहीं थी, शाम ढलती थी घर से बाहर निकल पाना मुश्किल था, जो जनता को सुरक्षा देने वाले लोग थे, उनको भी सुरक्षा लेकर चलना पड़ता था.

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