- पर्नोड रिकार्ड इंडिया के नेशनल हेड ने NDTV वर्ल्ड समिट में भारतीय शराब उद्योग की आर्थिक यात्रा पर चर्चा की
- भारत की 52 अरब डॉलर की अल्कोहल-बेवरेज इंडस्ट्री अर्थव्यवस्था को गति देने का काम कर रही है
- पर्नोड रिकार्ड इंडिया स्थानीय उत्पादन और सप्लाई चेन में निवेश करता है, ₹24,000 करोड़ के राजस्व का योगदान
पर्नोड रिकार्ड इंडिया के कॉरपोरेट अफेयर्स के नेशनल हेड और एग्जीक्यूटिव बोर्ड मेंबर प्रसन्ना मोहिले ने NDTV वर्ल्ड समिट 2025 में शिरकत की. जहां उन्होंने भारतीय शराब इंडस्ट्री की आर्थिक यात्रा, कंपनी की स्थानीय जड़ों और एक समावेशी व टिकाऊ भविष्य के निर्माण में साझा जिम्मेदारी पर अपने विचार साझा किए. भारत के प्रमुख अल्को-बेव ब्रांड्स में से एक का प्रतिनिधित्व करते हुए मोहिले ने इस सेक्टर की आर्थिक ताकत और वैश्विक मंच पर इसकी इनोवेशन क्षमता का भी खास जिक्र किया.
विकास की भावना
52 अरब डॉलर के अल्को-बेव इंडस्ट्री का प्रतिनिधित्व करते हुए मोहिले ने बताया कि यह सेक्टर किस तरह भारत की अर्थव्यवस्था को रफ्तार दे रहा है और वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ एक अवसरों का बाजार नहीं है, बल्कि संभावनाओं का साझेदार भी है. उन्होंने याद किया कि पर्नोड रिकार्ड इंडिया की यात्रा 30 साल पहले एक साहसिक दृष्टिकोण के साथ शुरू हुई थी. जो कि सिर्फ एक बिजनेस बनाने के लिए नहीं, बल्कि भारतीय स्पिरिट्स इंडस्ट्री के भविष्य को आकार देने के लिए भी.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया' राष्ट्रीय मिशन बनने से पहले ही हमने भारत की क्षमता में निवेश किया. स्थानीय निर्माण, सप्लाई चेन और लोगों के साथ. आज पर्नोड रिकार्ड इंडिया करीब ₹24,000 करोड़ का योगदान सरकारी खजाने को देता है, लगभग 9 लाख नौकरियों का समर्थन करता है, जिनमें से 6 लाख कृषि क्षेत्र से हैं. भारत के GDP पर अनुमानित ₹43,000 करोड़ का प्रभाव डालता है. इसके उत्पाद देशभर में 85,000 से अधिक आउटलेट्स तक पहुंचते हैं और 50 से अधिक देशों में निर्यात किए जाते हैं. हम गर्व से भारत की भावना को दुनिया तक पहुंचाते हैं.
नवीकरण और जिम्मेदारी
हाल के वर्षों की चुनौतियों और सीखों पर बात करते हुए मोहिले ने कहा कि महामारी ने हमें सिखाया कि लचीलापन आराम में नहीं, बल्कि संकट में गढ़ा जाता है. इसने यह विश्वास मजबूत किया कि किसी संगठन की असली पहचान सिर्फ उसके प्रदर्शन में नहीं, बल्कि उसके मकसद में होती है. उन्होंने भविष्य के लिए तीन साझा प्राथमिकताओं को रेखांकित किया-
- एक पारदर्शी, आधुनिक नियामक व्यवस्था का निर्माण
- टिकाऊ स्रोतों और ग्रामीण आजीविका का समर्थन
- संयम और जिम्मेदारी की संस्कृति को आगे बढ़ाना
भारत के भविष्य में निवेश
कंपनी के विस्तार की योजनाओं पर बात करते हुए मोहिले ने घोषणा की कि पर्नोड रिकार्ड इंडिया नागपुर में एशिया की सबसे बड़ी माल्ट डिस्टिलरी और मच्युरेशन फैसिलिटी स्थापित करने जा रही है. यह सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं है, बल्कि ग्रामीण परिवर्तन का एक्टिवेटर है.” कंपनी हर महीने स्थानीय किसानों से 5,000 टन जौ खरीदने और हजारों नौकरियां पैदा करने की योजना बना रही है. यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के 3T विजन,टैलेंट, ट्रेनिंग और ट्रांसफॉर्मेशन के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
मोहिले ने कंपनी की स्थिरता और इनोवेशन पर केंद्रित पहलों का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि ‘Unboxed' पहल के तहत स्थायी मोनो-कार्टन को हटाने के निर्णय से हर साल 7,300 टन कार्बन उत्सर्जन की बचत हुई है, जो हर साल 2.5 लाख से अधिक पेड़ों को संरक्षित करने के बराबर है. ये महज प्रतीकात्मक कदम नहीं हैं, बल्कि रणनीतिक अनिवार्यताएं हैं.
संभावनाओं की भावना
नीतियों और उद्योग के बीच सहयोग को मजबूत करने पर मोहिले ने कहा कि जब नीति विश्वास पैदा करती है, तो व्यापार तरक्की करता है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इनोवेशन और विकास के लिए नीति निर्माताओं और इंडस्ट्री के बीच विश्वास की साझेदारी आवश्यक है. अगर हमारे पास सोच-समझकर जोखिम उठाने का साहस, मिलकर काम करने का संकल्प और जिम्मेदारी से नवीकरण करने की समझ है, तो हमारे उद्योग न सिर्फ फलेंगे-फूलेंगे, बल्कि भारत के आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक भविष्य को आकार देंगे.