देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और पंजाब के स्वास्थ्यमंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने NDTV Solutions Summit में हिस्सा लेते हुए कोरोना को लेकर अपने-अपने राज्य के हालातों की जानकारी दी.
हमने नहीं सोचा था इतने केस आ जाएंगे : सत्येंद्र जैन
दिल्ली के स्वास्थ्यमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हमने नहीं सोचा था कि इतने केस आ जाएंगे. अस्पताल में बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं. लोगों से निवेदन हैं कि लोग डरें नहीं. समझदारी और ठंडे दिमाग से इस महामारी को लें. लोग तुरंत अस्पताल का रुख न करें.दिल्ली में टेस्ट की कमी नहीं है. इस बीमारी को दो हिस्सों में बांटना है. पहले तो होने ही नहीं देना और अगर हो जाए तो इलाज करना है. तो पहले वाले हिस्से पर काम करना है. कई लोग कह रहे हैं कि एक साल हो गया अब मास्क नहीं लगा रहे, लेकिन ऐसे लोगों को अपने घर-परिवार की सोचनी चाहिए. समाज की सोचनी चाहिए कि उनकी इस गलती से किस किस पर प्रभाव पड़ेगा. हमें हर किसी के सहयोग की जरूरत है.
युवाओं को वैक्सीन लगाना बहुत जरूरी : बलबीर सिंह सिद्धू
पंजाब के स्वास्थ्यमंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि हमने टेस्टिंग बढ़ाई है. हमने एक दिन की टेस्टिंग 50 हजार कर दी है. UK स्ट्रेन की वजह से पंजाब मेंमामले तेजी से बढ़े. हमने सरकार के तौर पर अपना रोल भली भांति निभाने की कोशिश की. हमने मजदूरों के लिए फूड किट की भी व्यवस्था की. अगर कमाने वाले को ही कोविड हो गया तो परिवार के खाने-पीने के लिए फूड किट के जरिए व्यवस्था की.पंजाब के पास रेमडेसिविर की कमी नहीं है. हमारे पास वैक्सीन की कमी है. हम दो से ढाई लाख लोगों को वैक्सीन रोज लगा सकते हैं, लेकिन वैक्सीन उतनी मात्रा नहीं है. युवाओं को भी वैक्सीन लगाना बहुत जरूरी है.
सख्ती करने पर नाराज होती है जनता : अनिल विज
हरियाणा में भी तेजी से कोरोना बढ़ रहा है. हरियाणा के स्वास्थ्यमंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने कहा कि हमने पहले दौर की तैयारियों को ही एक्टिव कर दिया है. हमारे पास 11 आइसोलेशन बेड्स हैं. एक हजार वेंटिलेटर बेड्स हैं. रेमडेसिविर से लेकर अन्य दवाइयों की पूरी व्यवस्था है. हमने समय रहते ही तैयारियां कर ली थी. जो अब स्ट्रेन चल रहा है अब ज्यादा तेजी से फैल रहा है. हमने अपने पिछले अनुभवों से फायदा उठाया है.अगर धर्मशाला और स्कूलों में भी अस्पताल बनाने पड़ते हैं तो वो भी बनाएंगे. दिल्ली से लगे जिलों में ज्यादा केस हैं. कोरोना से बचने के दो ही रास्ते हैं. एक तो लॉकडाउन और दूसरा है कोरोना के नियमों का सख्ती से पालन. हमने लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया क्योंकि जिंदगी चलती भी रहे और बचती भी रहे. हालांकि मैं जानता हूं कि सख्ती करो तो जनता नाराज होती है, लेकिन मैं जनता की नाराजगी झेल सकता हूं लाशों का ढेर नहीं. वैक्सीनेशन को शुरू हुए तीन महीने हो चुके हैं. क्या हेल्थकेयर वर्करों को वैक्सीन मिल चुकी है? इस पर अनिल विज ने कहा कि सबने नहीं ली है. इसमें कुछ कमी रही है. इस पर भी काम चल रहा है.जब कोरोना शुरू हुआ था तो एक भी लैब नहीं था. 18 लैब तो सरकारी लैब हैं और 17 प्राइवेट. हमारी रोज 62 हजार लोगों के टेस्ट करने की कैपेसिटी है. मुझे नहीं लगता कि एक दिन से ज्यादा किसी को इंतजार करना पड़ता है.