चार बार विधायक, यूपी में कैबिनेट मंत्री और संसद सदस्य रहे डीपी यादव किसी परिचय के मोहताज नहीं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई लोग इन्हें बाहुबली भी कहते हैं. नीतीश कटारा हत्याकांड में पिछले 23 साल से जेल में बंद इनके बेटे विकास यादव की शुक्रवार को शादी हुई. NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत में डीपी यादव ने विकास की शादी, नई बहू के अलावा जेल जाने की वजह और आगे भविष्य पर भी खुलकर बात की. डीपी यादव ने कहा कि वह चाहते हैं कि जेल से रिहा होने के बाद विकास राजनीति में आए. उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक साजिश की वजह से उन्हें जेल जाना पड़ा था.
सवाल - विकास यादव को कैसे जमानत मिली?
डीपी यादव - विकास को अपनी मां का गंभीर ऑपरेशन कराने के लिए बेल दी गई थी. उसके बाद में उनकी मां का ऑपरेशन हुआ. एक ऐसा बेटा जिसे अपनी मां से बहुत लगाव हो और मन से बहुत जुड़ता हो, वो अपनी बीमारी से अभी बाहर आ नहीं पाई हैं. ऑपरेशन के बाद मां को विकास की जरूरत थी, इसलिए कोर्ट ने बेल दी.
सवाल - विकास की शादी कहां हुई, कैसे हुई, उसके बारे में बताएं.
डीपी यादव - शादी तो गाजियाबाद में राजनगर के हमारे घर में हुई क्योंकि कोर्ट का ये आदेश था. एक महीने पहले सगाई हो गई थी. इस शादी में केवल घर और परिवार के लोग शामिल हुए.
सवाल - आपकी बहू हर्षिका का क्या प्रोफाइल है, उनके बारे में थोड़ा बताएं.
डीपी यादव - वो शिकोहाबाद की रहने वाली हैं. उनके पिता का नाम उदयराज सिंह यादव है. वहां कॉलेज में वह प्रिंसिपल हैं. ये लोग मुलायम सिंह के परिवार से आते हैं. बहू ने बीएससी, बीएड किया है. अभी एमएससी कर रही हैं. एक अच्छी पढ़ी-लिखी लड़की है. विकास की मां ने उसे पसंद किया है.
सवाल - विकास 23 साल से जेल में बंद है. अगर सब ठीक रहा तो अगले 2 साल में वह अपनी सजा पूरी कर लेगा. आपने उसके लिए आगे क्या सोचा है, विकास क्या करेगा?
डीपी यादव - विकास पढ़ा-लिखा नौजवान है. बीएससी, बीटेक और एमबीए किया हुआ है. वह खुद तय करेगा कि उसे क्या करना है. मैं तो चाहूंगा कि वह राजनीति में आए.
सवाल - जेल में आपके बेटे का और आपका वक्त कैसे बीता?
डीपी यादव - राजनीति और समाज में बहुत षड्यंत्र होते हैं. मै भी उसका शिकार हुआ, लेकिन हाईकोर्ट ने मुझे बरी किया. मैं तो स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से हूं. हमारे पूर्वजों ने आजादी के आंदोलन में जेलें काट थीं, आर्य समाजी रहे हैं.
सवाल - विकास को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया था. क्या आपको लगता है कि विकास ने गलती की थी, क्या आपको कोई अफसोस है?
डीपी यादव - इस बारे में मुझे बोलने का कोई हक नहीं है, न मैं बोलना चाहूंगा. कोर्ट ने जो कर दिया, वो मुझे स्वीकार है.
सवाल - आपको पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोग बाहुबली कहते हैं. आपके खिलाफ भी बहुत केस दर्ज हैं, उसको लेकर क्या राय है?
डीपी यादव - मैं छात्रों की लड़ाई में जेल गया, वो कोई अपराध नहीं. मैं हनुमान का भक्त हूं. हनुमान को लोग बाहुबली कहते हैं. हालांकि उसे मुझ पर कोई गर्व नहीं है.
सवाल - इतने लंबे समय तक जेल में रहने के बाद आपके बेटे के व्यवहार में क्या बदलाव है?
डीपी यादव - देखिए परेशानी तो होती है. आदमी जल्दी से उबर भी नहीं पाता है. लेकिन मेरा खून उसमें है तो उसमें देशभक्ति भी होगी, राष्ट्रप्रेम भी होगा. वो एक बुद्धिमान और इंटेलिजेंट बच्चा है.
सवाल - आपने जेल में एक किताब लिखी है वक्त है साक्षी. इस किताब में क्या है और इसे लिखने का क्या मकसद है?
डीपी यादव - ये जीवन की कविताएं हैं. ये सामाजिक और देश के ऊपर लिखी गई हैं.
सवाल - विकास कब तक जेल से बाहर आएगा सजा पूरी करके?
डीपी यादव - मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो विकास को सद्बुद्धि भी देगा, वो अच्छे काम भी करेगा, वो पब्लिक की सेवा करेगा.
सवाल - नीतीश कटारा की मां कह रही हैं कि फांसी होनी चाहिए थी, सजा कम हुई है.
डीपी यादव - उन्होंने तो बहुत कुछ कहा था. कानून उनके घर में तो है नहीं, कानून तो न्यायालय में है, तो कानून देखेगा. उनसे तो लोगों ने क्या-क्या नहीं कहलवाया. मैं सारी बातें आपसे नहीं बता सकता. मेरा राजनीति में उत्पीड़न करने वाले उनके पीछे खड़े हैं, वो तो एक मुखौटा हैं.