NDTV-CSDS सर्वे: कर्नाटक में BJP ने वोटर्स के बीच बनाई ज्यादा पहुंच, जानें किस पार्टी का कैसा रहा कैंपेन?

कांग्रेस ने 'भारत जोड़ो' यात्रा के जरिए ग्रामीण इलाकों में 36 फीसदी, शहरी इलाकों में 46 फीसदी पहुंच बनाई. कर्नाटक में तीसरी पार्टी जेडीएस ने 'पंचरत्न रथ यात्रा' की थी. इसके जरिए जेडीएस ने ग्रामीण इलाकों में 29 फीसदी और शहरी इलाकों में 29 फीसदी तक पहुंच बनाई.

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मोबाइल पर प्रचार का मैसेज भेजने के मामले में बीजेपी, कांग्रेस से आगे है.
नई दिल्ली:

कर्नाटक में बीजेपी फिलहाल राज्य की सत्ता पर काबिज है. कांग्रेस-जेडीएस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां वनवास काट रही हैं. दक्षिण भारत में कर्नाटक बीजेपी का इकलौता दुर्ग है. ऐसे में वह इसे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहेगी. 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections 2023) के लिए बीजेपी ने वोटर्स तक अपनी पहुंच बनाने के लिए जी-तोड़ मेहनत की है. पार्टी जनसभा, वर्चुअल रैली, वीडियो मैसेज, पर्सनल कॉल के जरिए मतदाता तक पहुंची. पदयात्राओं से भी लोगों को खुद से जोड़ा. इस मामले में कांग्रेस और जेडीएस कुछ पीछे रह गई है. NDTV-CSDS के सर्वे में ये बात सामने आई है.

NDTV-CSDS सर्वे के मुताबिक, मोबाइल पर प्रचार का मैसेज भेजने के मामले में बीजेपी, कांग्रेस से आगे है. जबकि जेडीएस तीसरे नंबर पर है. इसके साथ ही जनसभा, वर्चुअल रैली और रोड शो के जरिए भी बीजेपी अपने मतदाता तक पहुंची. कांग्रेस यहां पीछे रह गई है. वहीं, 'विजय संकल्प यात्रा' के जरिए बीजेपी ने ग्रामीण इलाकों में 36 फीसदी,  शहरी इलाकों में 42 फीसदी तक पहुंच बनाई. 

कांग्रेस ने 'भारत जोड़ो' यात्रा के जरिए ग्रामीण इलाकों में 36 फीसदी, शहरी इलाकों में 46 फीसदी पहुंच बनाई. कर्नाटक में तीसरी पार्टी जेडीएस ने 'पंचरत्न रथ यात्रा' की थी. इसके जरिए जेडीएस ने ग्रामीण इलाकों में 29 फीसदी और शहरी इलाकों में 29 फीसदी तक पहुंच बनाई.

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NDTV-CSDS सर्वे का यह दूसरा भाग है. पहले भाग के नतीजे 1 मई 2023 को प्रकाशित किए गए थे. NDTV-CSDS ने 20 से 28 अप्रैल के बीच कर्नाटक चुनाव को लेकर सर्वे किया था.

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किस पार्टी ने किए कौन से बड़े ऐलान?

बीजेपी के बड़े ऐलान:- कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 1 मई को अपना घोषणा पत्र जारी किया. इसमें समान नागरिक संहिता लागू करने और गरीब परिवार को आधा लीटर नंदिनी दूध और तीन एलपीजी गैस सिलेंडर मुफ्त देने का वादा किया गया है. भगवा पार्टी ने इसे प्रजा प्राणलाइक (लोगों का घोषणापत्र) कहा.

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बीजेपी ने सरकारी स्कूलों के मानकीकरण की बात भी कही है. पार्टी ने शहरी इलाकों में 5 लाख और ग्रामीण इलाकों में 10 लाख घर बनाने का प्रस्ताव रखा है. राशन की दुकानों पर 5 किलो चावल के साथ 5 किलो सिरीधान्य भी बांटा जाएगा.

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कांग्रेस के बड़े ऐलान:- कांग्रेस ने नफरत फैलाने वाले व्यक्तियों, संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया. पार्टी द्वारा किए गए कई वादों से विवाद खड़ा होने की संभावना है.

कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि सरकार नई शिक्षा नीति (NEP) को खारिज करेगी और राज्य शिक्षा नीति बनाएगी. घोषणापत्र में अगले पांच वर्षों (2023-2028) में सिंचाई के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है. इसमें 9,000 करोड़ रुपये की लागत से मेकेदातु परियोजना और 3,000 करोड़ रुपये की लागत से महादयी जैसी नई परियोजनाओं को शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. 

घोषणापत्र में सभी मलिन बस्तियों को नियमित करने और उन्हें टाइटल डीड प्रदान करने और झुग्गियों का नाम बदलकर श्रमिका वसाथी समुच्चय करने का प्रस्ताव है.

जेडीएस के बड़े ऐलान:- जेडीएस ने 15 अप्रैल को अपना मेनिफेस्टो जारी किया था. पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के मुखिया एचडी देवेगौड़ा ने 12 सूत्रीय घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें पार्टी ने महिला सशक्तिकरण और किसानों के विकास पर जोर देने की बात कही थी.

घोषणा पत्र में महिलाओं को एक साल में पांच कुकिंग सिलेंडर देने की घोषणा की है. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को छह महीने के लिए 6 हजार रुपये, विधवा महिलाओं को 900 रुपये की जगह 2500 रुपये सहायता राशि और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 हजार रुपये सैलरी देने का ऐलान किया है. जेडीएस ने 15 साल की सेवा पूरी करने वाले व्यक्तियों के लिए पेंशन की घोषणा की है.

पार्टी ने प्रति एकड़ 10,000 रुपये की सब्सिडी देने का भी प्रस्ताव दिया है. इसमें किसान-खेतिहर मजदूरों के लिए 2,000 रुपये मासिक भत्ता, कृषि करने वाले युवाओं से शादी करने वाली महिलाओं के लिए 2 लाख रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा की है.

कैसे हुआ सर्वे?
सर्वे के लिए कर्नाटक के 21 विधानसभा क्षेत्रों के 82 मतदान केंद्रों में कुल 2143 लोगों से बात की गई. दो मतदान केंद्रों में फील्डवर्क पूरा नहीं हो सका. सर्वे के फील्‍ड वर्क का को-ऑर्डिनेशन वीना देवी ने किया और कर्नाटक में नागेश के एल ने इसका मुआयना किया. विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को 'प्रोबैबलिटी प्रपोर्शनल टू साइज (Probability Proportional to Size)' सैंपल का इस्तेमाल करके रैंडमली तरीके से चुना गया है. इसमें एक यूनिट के चयन की संभावना उसके आकार के समानुपाती होती है. हर निर्वाचन क्षेत्र से 4 मतदान केंद्रों को सिलेक्ट किया गया था. हर मतदान केंद्र से 40 मतदाताओं को रैंडमली सिलेक्ट किया गया था.

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