दुनिया में क्लाइमेट चेंज (Climate Change) और ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming) का असर बढ़ता जा रहा है. भारत में भी इसका असर दिखने लगा है. अचानक बारिश, लैंडस्लाइड, ज्यादा बारिश, तेज गर्मी, बढ़ता तापमान और घटती सर्दियों के दिनों की संख्या क्लाइमेट चेंज का ही नतीजा है. क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों और समाधान पर चर्चा करने के लिए NDTV ने शुक्रवार को India Sustainability Mission Conclave आयोजित किया. कॉन्क्लेव में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने क्लाइमेट चेंज और कार्बन उत्सर्जन को लेकर भारत के प्रयासों को साझा किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने हाथियों और बाघों का उदाहरण देते हुए बैलेंस इकोलॉजिकल सिस्टम को भी समझाने की कोशिश की.
मैनvsवाइल्ड को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में भूपेंद्र यादव ने कहा, "हमारा ये मानना है कि हमारे जंगल के क्षेत्र उनका संरक्षण करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. ये इकोलॉजिकल सिस्टम है. इसलिए जंगल के आसपास के क्षेत्रों में हमें जागरूकता का कार्यक्रम भी चलाते हैं. समय-समय पर हम इसके लिए गाइडलाइन भी जारी करते हैं. कार्यक्रम भी आयोजित कराते हैं."
भूपेंद्र यादव ने कहा, "कई बार हाथियों के झुंड में गुजरने के दौरान ट्रेन हादसे हो जाते हैं. इसे कम करने और रोकने के लिए हम WFI और रेलवे के साथ मिलकर कुछ टेक्निकल सॉल्यूशन तलाशे हैं. छत्तीसगढ़ में हाथियों का जब मूवमेंट होता है, तो हम लोकल FM पर उसकी जानकारी देते हैं. ठीक जैसे ट्रैफिक जाम की इंफॉर्मेशन दी जाती है.
ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि खेतों में हुए नुकसान को रोका जा सके."
भूपेंद्र यादव ने आगे बताया, "इन दिनों यूपी के बहराइच में भेड़ियों के हमले की घटनाएं हो रही हैं. इसमें समय-समय पर हमने गाइडलाइन भी दिए हैं. हम हमेशा कहते हैं कि जब कोई ऐसी स्थिति आती है कि खतरा ज्यादा बड़ा होता है, तो लोकल वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट अपने विवेक के आधार पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इस हिसाब से हम वन, जानवरों को संरक्षित करने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं."