NDTV Battleground : बंगाल में संदेशखाली और हिंसा के मुद्दे का चुनाव पर कितना असर?, जानें विशेषज्ञों की राय

टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रिजू दत्ता ने कहा कि बंगाल में भाजपा की दिक्कत यह है कि वह यहां की संस्कृति समझ नहीं पाती. संदेशखाली का मुद्दा पीएम मोदी और अमित शाह ने बड़ा बनाया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

एनडीटीवी के विशेष चुनावी शो "बैटलग्राउंड" में संदेशखाली पर खूब गरमागरम चर्चा हुई.

NDTV Battleground: एनडीटीवी का विशेष चुनावी शो "बैटलग्राउंड" पश्चिम बंगाल पहुंचा और वहां के माहौल को समझने की कोशिश की. एनडीटीवी के एडीटर-इन-चीफ संजय पुगलिया ने विशेषज्ञों के एक पैनल के साथ लोकसभा चुनाव के मुद्दों पर बात की. साथ ही संदेशखाली का चुनाव पर कितना असर है, यह भी जानने की कोशिश की.

पैनल में शामिल राजनीतिक रणनीतिकार अमिताभ तिवारी ने कहा कि हो सकता है संदेशखाली बड़ा मुद्दा चुनाव में बन जाए. यह इस पर डिपेंड करेगा कि भाजपा इस मुद्दे को कैसे उठा पाती है. अगर 2019 का चुनाव देखें तो ममता बनर्जी को महिलाओं के वोट भाजपा के मुकाबले ज्यादा मिले थे. टीएमसी ने महिला वोटरों के मामले में 4 प्रतिशत की लीड भाजपा से ली थी. महिलाओं का हमेशा समर्थन ममता बनर्जी को मिलता रहा है. 

Advertisement
टीएमसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रिजू दत्ता ने कहा कि बंगाल में भाजपा की दिक्कत यह है कि वह यहां की संस्कृति समझ नहीं पाती. संदेशखाली का मुद्दा पीएम मोदी और अमित शाह ने बड़ा बनाया. एक स्टिंग वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें बंगाल के भाजपा नेता का नाम संदेशखाली प्रकरण में आया है. अब भाजपा के नेता क्या जवाब देंगे?

रिजू दत्ता ने कहा कि आप सोच सकते हैं किस तरह की साजिश रची जा रही है. संदेशखाली के जरिए टीएमसी को बदनाम करने की साजिश थी. स्टिंग गए वीडियो में गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराने वाली एक संदेशखाली की महिला भी है, जो वीडियो में कहती है कि मुझे कुछ पता नहीं था कि क्या लिखा हुआ है. मेरे को एक पर्चा दिया और मैंने साइन कर दिया. संजय पुगलिया ने जब यह सवाल किया कि क्या संदेशखाली में कुछ भी गड़बड़ी नहीं हुई तो रिजू दत्ता ने कहा कि संदेशखाली में गलती हुई लेकिन यह जमीन विवाद का मुद्दा है. यह टीएमसी का नाम लेकर कुछ लोगों की जमीन छीन ली. भाजपा औरतों के शरीर के पीछे छिपकर राजनीति कर रही है. ऐसी गंदगी संदेशखाली में नहीं हुई. 

Advertisement
Advertisement
बंगाल भाजपा की प्रवक्ता प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि विनाश काले विपरीत बुद्धि. ममता बनर्जी ने पहले तो पूरी तरह से संदेशखाली के मुद्दे को झुठलाया. फिर कहा कि संदेशखाली की पीड़ित महिलाएं झूठ बोल रही हैं. फिर कहा गया कि पैसे देकर संदेशखाली की महिलाओं को बुलवाया गया. अब वीडियो वायरल करने के लिए भी इन्होंने कितना खर्चा किया, इसका मुझे आइडिया नहीं है. यह बात सिर्फ कहने से नहीं टिकेगी.

प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि संदेशखाली की पूरी भूमिका कोर्ट से आई है. कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी. अभी 2 तारीख को सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट जमा की. रिपोर्ट देखकर कोर्ट ने कहा कि जमीनी स्तर पर जो जानकारी मैंने एफिडेविट में दी थी, वहीं बात सीबीआई की जांच रिपोर्ट में भी है. इस घटना से ममता बनर्जी की नारी शक्ति एक्सपोज हो गई है. वह सभी को झूठा बता रही हैं और हर बार वह यही करती हैं. नाबालिगों के साथ कोई घटना होती है तो कहती हैं कि यह तो लव अफेयर था.

Advertisement

सीएसडीएस के चीफ संजय कुमार ने कहा कि संदेशखाली मुद्दा तो है लेकिन पूरे राज्य में इसका बड़ा असर नहीं है. खासकर गरीबों में और यही टीएमसी का मुख्य वोट बैंक है. यह मुद्दा शहरी और अमीर लोगों के बीच ज्यादा है और इसका वोट से ज्यादा लेना-देना नहीं है.