लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election) के लिए मतों की गणना का कार्य अंतिम चरण में है. एनडीए को इस चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलता दिख रहा है. हालांकि भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को इस चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. भारतीय जनता पार्टी को सरकार चलाने के लिए अपने सहयोगी दलों पर निर्भर रहना होगा. बीजेपी के सहयोगी दल टीडीपी और जनता दल यूनाइटेड ने अच्छा प्रदर्शन किया है. चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी ने भी शानदार प्रदर्शन किया है.
- जनता दल यूनाइटेड- बीच के कुछ सालों को छोड़कर एनडीए की स्थापना काल से ही नीतीश कुमार एनडीए में रहे हैं. इस चुनाव में जनता दल यूनाइटेड को 15 सीटों पर जीत मिलता हुआ दिख रहा है. नीतीश कुमार की पार्टी ने इस चुनाव में 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था. 15 सीटों पर उसे जीत मिली है. मात्र एक किशनगंज की सीट पर जदयू के उम्मीदवार को कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा है.
- तेलुगु देशम पार्टी (TDP) - चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी को इस चुनाव में 16 सीटों पर जीत मिली है. टीडीपी ने आंध्रप्रदेश विधानसभा में जीत दर्ज की है. चंद्रबाबू नायडू कई बार एनडीए का हिस्सा रहे हैं. आंध्र प्रदेश में अलग अलग समय पर 13 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान कई कीर्तिमान रच चुके नायडू को आईटी क्षेत्र में अपने राज्य को अग्रणी स्थान पर ले जाने का श्रेय दिया जाता है तथा वह राज्य ही नहीं केंद्र की राजनीति के भी कुशल रणनीतिकार रहे हैं.
- लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) (LJPRV) - चिराग पासवान की पार्टी को इस चुनाव में 5 सीटों पर जीत मिली है. चिराग पासवान भी एनडीए के पुराने सहयोगी रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी एनडीए में शामिल हुई थी.
- जनता दल (सेक्युलर) (JDS) - पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) को इस चुनाव में 2 सीटों पर जीत मिली है. एचडी देवगौड़ा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छा संबंध रहा है. बीजेपी के समर्थन से भी उनके पुत्र कुमार स्वामी एक बार सीएम भी बन चुके हैं.
- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)- अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को इस चुनाव में 1 सीटों पर जीत मिली है. अजित पवार ने शरद पवार की पार्टी में विद्रोह कर बीजेपी समर्थित एकनाथ शिंदे की सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया था. बाद में चुनाव आयोग की तरफ से उनकी ही पार्टी को असली एनसीपी माना गया.
- शिवसेना- एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली शिवसेना को इस चुनाव में 7 सीटों पर जीत मिली है. एकनाथ शिंदे का गृहमंत्री अमित शाह से मजबूत संबंध रहा है. एकनाथ शिंदे की पार्टी को इस चुनाव में अच्छी सफलता मिली है. हालांकि शिवसेना यूबीटी की तुलना में उसे कम सीटें मिली है. एक नाथ शिंदे की महाराष्ट्र में सरकार बीजेपी के समर्थन से ही चल रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार की मजबूती के लिए वो हर संभव प्रयास करेंगे.
एनडीए 400 से बहुत पीछे
लोकसभा की सभी 543 सीटों के रुझान आ गए हैं. बीजेपी ने एनडीए के 400 पार जाने, यानी कि 400 से अधिक लोकसभा सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन वह 300 के अंदर ही सिमटता दिख रहा है. दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के बारे में कहा जा रहा था कि वह 200 सीटें भी नहीं जीत पाएगा, लेकिन वह रुझानों में 231 सीटों पर आगे दिखाई दे रहा है. चुनाव आयोग के मुताबिक दोनों मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टियों में से बीजेपी 241 और कांग्रेस 99 सीटों पर आगे चल रही है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 303 और कांग्रेस को 52 सीटें मिली थीं.
मतगणना में सामने आ रहे रुझानों से विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी (शरद पवार) के नेता शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे, तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का प्रभाव बढ़ता दिखाई दे रहा है.
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