वरिष्ठ राजनेता शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा है कि बीजेपी के मुकाबले के लिए किसी भी वैकल्पिक फ्रंट से कांग्रेस को बाहर नहीं रखा जा सकता. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख पवार ने अपने दिल्ली स्थित निवास पर कुछ दिन पहले विपक्षी नेताओं की बैठक के बाद 'मिशन-2024' के लिए तीसरे मोर्चे की अटकलों के बीच यह विचार जताए. न्यूज एजेंसी ANI ने पवार के हवाले से कहा, 'गठबंधन की (राष्ट्र मंच) की बैठक में चर्चा नहीं हुई लेकिन यदि कोई वैकल्पिक ताकत तैयार करनी है तो ऐसा कांग्रेस को साथ में लेकर ही किया जा सकता है.हमें इस तरह की ताकत चाहिए और मैंने यह बैठक में भी कहा था.'' क्या वह नए फ्रंट की अगुवाई करेंगे, यह पूछे जाने पर पवार ने किसी फ्रंट पर विचार होने की स्थिति में 'सामूहिक नेतृत्व' का आव्हान किया. उन्होंने कहा, 'शरद पवार ने इसके लिए कई बार कोशिश कर चुके हैं.'
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गौरतलब है कि पवार की चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ दो बैठकों के बाद पिछले कुछ दिनों से सियासी चर्चा का दौर शुरू हो गया है. हाल ही में पवार ने अपने दिल्ली स्थित निवास में कुछ विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में काफी दिलचस्पी रही और अटकलों का सिलसिला शुरू हो गया. हालांकि पवार से बैठक के मेजबान थे लेकिन बैठक पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा गठित 'राष्ट्र मंच' की ओर से आयोजित की गई थी.
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इस बैठक में कांग्रेस का कोई नेता मौजूद नहीं था जबकि तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और वाम दलों समेत आठ विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे. NCP नेता माजिद मेनन ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह बैठक किसी भाजपा विरोधी मोर्चे या गैर-कांग्रेसी मोर्चे के गठन के लिए नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘‘यह किसी गैर-भाजपाई राजनीतिक मोर्चे की बैठक नहीं थी जिसे शरद पवार ने बुलाया हो. यह उनके आवास पर हुई राष्ट्र मंच की बैठक थी. समान विचार वाले लोगों ने बैठक में भाग लिया और बैठक में अनेक अराजनीतिक लोग उपस्थित थे.'' मेनन ने उस समय इन अटकलों को खारिज किया कि गैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाने की कवायद चल रही है. उन्होंने बताया था कि कांग्रेस के विवेक तन्खा, मनीष तिवारी, अभिषेक मनु सिंघवी और शत्रुघ्न सिन्हा को बैठक के लिए बुलाया गया था लेकिन वह नहीं आ सके.